
मेरठ में ईद की नमाज के बाद विवादित पोस्टर लहराया, प्रशासन सतर्क!
➡ “सड़कों पर सिर्फ मुस्लिम नमाज नहीं पढ़ते” – पोस्टर में हिंदू त्योहारों का भी जिक्र
➡ सामाजिक और धार्मिक संगठनों में बढ़ा आक्रोश, प्रशासन ने जांच के दिए आदेश
➡ क्या धार्मिक आयोजनों के लिए सड़कों के उपयोग पर समान नीति बनेगी?
📍 मेरठ:
ईद की नमाज के बाद मेरठ में एक विवादित पोस्टर लहराने का मामला सामने आया है। पोस्टर में लिखा था—
“सड़कों पर सिर्फ मुस्लिम नमाज नहीं पढ़ते हैं।”
इसमें हिंदू धर्म से जुड़े कई धार्मिक आयोजनों का भी जिक्र किया गया, जैसे—
✅ होली का जुलूस
✅ शिवरात्रि की शोभायात्रा
✅ कांवड़ यात्रा
✅ रामनवमी जुलूस
✅ दिवाली पर पटाखों का जलाना
✅ गणेश चतुर्थी का उत्सव
प्रशासन हरकत में, जांच के आदेश
मेरठ पुलिस इस पोस्टर को लेकर अलर्ट हो गई है और इसकी जांच शुरू कर दी है।
✔ पोस्टर किसने तैयार किया?
✔ क्या यह किसी संगठन की योजना थी?
✔ इसका मकसद क्या था— विरोध या माहौल बिगाड़ना?
सोशल मीडिया पर मचा घमासान
📲 पोस्टर वायरल होते ही सोशल मीडिया पर बहस तेज हो गई।
✔ कुछ लोगों ने इसे धार्मिक आयोजनों पर दोहरे मापदंड के खिलाफ आवाज बताया।
❌ जबकि कुछ ने इसे सांप्रदायिक तनाव भड़काने वाला कदम करार दिया।
राजनीतिक बयानबाजी शुरू!
🗣 बीजेपी नेता बोले—
“सड़कें सभी के लिए होती हैं, धार्मिक आयोजनों के लिए प्रशासन से अनुमति लेना जरूरी है।”
🗣 समाजवादी पार्टी नेता बोले—
“हर धर्म को समान अधिकार मिलना चाहिए, यह भेदभाव क्यों?”
क्या प्रशासन कोई ठोस नीति बनाएगा?
क्या धार्मिक आयोजनों के लिए सड़कों के उपयोग पर एक समान कानून लागू होगा?
या यह विवाद सिर्फ राजनीतिक बहस तक सीमित रहेगा?
📍 अब सबकी निगाहें प्रशासन पर— क्या होगा अगला कदम?
📍 विशेष रिपोर्ट | ✍️ संपादक: एलिक सिंह, वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज़
📞 संपर्क: 8217554083 |
📌 जिला प्रभारी, भारतीय पत्रकार अधिकार परिषद
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