
✍️अजीत मिश्रा✍️
बस्ती(यूपी)
।। अपने कारनामों से सुर्खियां बटोर रहा है बस्ती जनपद का विकासखंड हरैया।।
प्रधान और सचिव ने बनाया मिनी सचिवालय को मोटी कमाई का जरिया।
सरकार की मनसा पर फेर रहे हैं पानी, परेशान हो रहे हैं ग्रामीण। आखिर क्यों हो ना जब रामजस वर्मा जैसे महाबली सचिव है जिनके कंधों पर है 9 – 9 ग्राम पंचायतों का भार। अब इनको कहां है ग्राम पंचायतों में जाने की फुर्सत।
अब सचिव साहब को कहां है मिनी सचिवालय में बैठने का टाइम। 2022 में बना मिनी सचिवालय में अभी तक नहीं प्रयोग लायक हो पाया।शौचालय और मिनी सचिवालय के बगल 6 महीने पहले लगा इंडिया मार्का हैंडपंप आज तक नहीं दे पाया शुद्ध पानी।
6 महीने पहले प्रधान रामधनी और सचिव रामजस वर्मा ने पंचायत भवन के मरम्मत हेतु निकाले 74781 रुपए लेकिन अभी तक नहीं प्रयोग में आया शौचालय।
अगर ग्रामीणों को कोई है काम सचिव साहब से तो उनका ठिकाना है ब्लॉक मुख्यालय से 500 मीटर दूर तीन मंजिला इमारत में बना ऑफिस। वहां वह आपको अपने असिस्टेंट के साथ मिल सकते हैं।
सरकार ने लाखों रुपए खर्च कर ग्रामीणों को गांव में ही सुविधा दिलाने के लिए बनाया है मिनी सचिवालय, प्रधान और सचिव की मिली भगत से बनकर रह गया है शोपीस। गांव में नहीं होता है लोगों का काम। परिवार रजिस्टर की नकल सहित अन्य कामों के लिए लगाना पड़ता है सचिव साहब का चक्कर।
पूरे ग्राम पंचायत में लगा है 16 इंडिया मार्का हैंडपंप ज्यादातर खराब और जो चल रहे हैं दे रहे हैं दूषित पानी। आखिर कब तक प्रधान और सचिव पर मेहरबान रहेंगे खंड विकास अधिकारी हरैया। जिम्मेदार कब तक रहेंगे मूकदर्शक है बड़ा सवाल। पूरा मामला विकासखंड हरैया के सुकरौली चौधरी ग्राम पंचायत का है।