
सेवा का अवसर बजरंगबली की कृपा से मिला’ – डॉ. वेद प्रकाश सिंह
शाहगंज ,जौनपुर सुप्रसिद्ध धार्मिक स्थल बिजेथुआ महावीरन में जेठ माह के चौथे बड़े मंगल पर श्रद्धा और सेवा का अद्वितीय संगम देखने को मिला। श्री विश्वनाथ ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूशन, कलान के तत्वावधान में विशाल भंडारे का आयोजन किया गया, जिसकी अगुवाई संस्था के प्रबंध निदेशक, समाजसेवी एवं भाजपा नेता डॉ. वेद प्रकाश सिंह और उनके बड़े भाई शशि प्रकाश सिंह ने की।
सुबह से ही भक्तों की भारी भीड़ मंदिर प्रांगण में उमड़ पड़ी। भक्तों का पंडाल में स्वागत विनम्रता और शालीनता से किया गया। माथे पर चंदन-रोरी का तिलक और भेंट स्वरूप अंगवस्त्र देकर उन्हें सम्मानित किया गया। भक्ति भाव से ओतप्रोत इस आयोजन में भक्तों को प्रसाद वितरण करते समय स्वयं डॉ. वेद प्रकाश सिंह और उनके परिवारजन हाथ जोड़कर सेवा में लगे रहे।
शाम चार बजे तक अनुमानतः दस हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। मंदिर परिसर “बोल बजरंगबली की जय” के जयघोष से गूंज उठा। इस अवसर पर भगवान हनुमान की विशेष पूजा-अर्चना की गई और श्रीराम नाम संकीर्तन से वातावरण भक्तिमय हो उठा।
‘यह मेरा परम सौभाग्य है कि मुझे सेवा का अवसर मिला’ — डॉ. वेद प्रकाश सिंह
कार्यक्रम के पश्चात बातचीत में डॉ. वेद प्रकाश सिंह ने भावुक स्वर में कहा,
“यह मेरे जीवन का सौभाग्य है कि बजरंगबली की कृपा से मुझे भक्तों की सेवा का अवसर मिला। ऐसे धार्मिक आयोजनों से समाज में प्रेम, भाईचारा और विश्वास बढ़ता है। यही सनातन संस्कृति की शक्ति है जो हमें जोड़ती है, संबल देती है।”
उन्होंने कहा कि संकीर्तन और भंडारे जैसे आयोजन समाज को जोड़ने और आध्यात्मिक ऊर्जा देने का कार्य करते हैं। उन्होंने आयोजकों, कार्यकर्ताओं और सहयोगियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं।
राजनीतिक और सामाजिक संगठनों की रही उत्साहपूर्ण भागीदारी
इस विशाल आयोजन में भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारी, सामाजिक कार्यकर्ता एवं अनेक गणमान्यजन शामिल हुए।
जिला मंत्री राजेश सिंह, मण्डल अध्यक्ष अनिल सिंह और प्रदीप मालवी, महामंत्री बिनोद तिवारी, सेक्टर अध्यक्ष अतुल सिंह, मंडल उपाध्यक्ष सूर्यनाथ निषाद, विवेक सिंह, विशाल सिंह, हर्ष मिश्रा, अजय तिवारी, अमित सिंह, दान बहादुर यादव, नकुल पाल समेत कई कार्यकर्ताओं ने सेवा में भाग लिया।
श्री विश्वनाथ ग्रुप ऑफ़ इंस्टिट्यूशन के प्रबंधक शशि प्रकाश सिंह, डायरेक्टर शशांक सिंह, प्रधानाचार्य आशुतोष सिंह, प्रशासनिक अधिकारी अतुल सिंह, डॉ. आनंद प्रकाश, डॉ. देवेंद्र प्रताप सिंह सहित अन्य शिक्षाविदों और सेवाभावी जनों का विशेष सहयोग रहा।