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भारतीय रेलवे में यात्रियों के साथ धोखा।टीसी से लेकर पुलिस कर्मचारी और रेलवे विभागों में बैठे दलाल लाखों रुपए लूट कर भर रहे अपनी जेबें। यात्रियों की कौन सुध लेगा।

प्रतिदिन एक राज्य से दूसरे राज्यों में जाने वाली ट्रेनों में यात्रियों को बहुत ही कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों का रिजर्वेशन टिकट होने के बावजूद भी उनको वह सुविधाएं नही मिल रही है, जो सुविधाएं उपलब्ध है।

मीनाक्षी विजय कुमार भारद्वाज/मुंबई
भारतीय रेलवे में यात्रियों के साथ धोखा।टीसी से लेकर पुलिस कर्मचारी और रेलवे विभागों में बैठे दलाल लाखों रुपए लूट कर भर रहे अपनी जेबें। यात्रियों की कौन सुध लेगा।
मुंबई/महाराष्ट्र: प्रतिदिन एक राज्य से दूसरे राज्यों में जाने वाली ट्रेनों में यात्रियों को बहुत ही कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों का रिजर्वेशन टिकट होने के बावजूद भी उनको वह सुविधाएं नही मिल रही है, जो सुविधाएं उपलब्ध है।यात्रीगण से सिर्फ धोखा किया जा रहा है। सोमवार के दिन 9 जून को उत्तर प्रदेश आजमगढ़ से मुंबई के लिए ट्रेन में सफर कर रहे चंदलाल राजभर जिनका खुद का कन्फर्म टिकट होने पर भी उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा। और चंदलाल राजभर ने बताए कि स्लीपर कोच को जनरल कोच में तब्दील कर दिया गया है।लोगों को टॉयलेट तक पहुंचने नही दिया जा रहा है। लोगों को काफी दिक्कत हो रही है।टॉयलेट तक की जगह खाली नही है कि कोई टॉयलेट का उपयोग कर सकें। लोगों को बहुत परेशानी हो रही है। चंदलाल राजभर ने रेलवे पुलिस और टीसी से बात की कम से कम टॉयलेट के उपयोग के लिए जगह खाली की जाए तो उसका उल्टा जवाब मिला। यह रेलवे है। ऐसा ही है, सफर कर अपने मंजिल पहुंच कर धन्यवाद कहना की सही सलामत पहुंच गए। इतना तकलीफ है तो ट्रेन में नही फ्लाइट में बैठे। जब उन्होंने ने आवाज उठाई तो दुम दबाकर आगे खिसक लिए।भारतीय रेलवे में यात्रियों की सुध लेने वाला कोई नही है। निकम्मी सरकार का राज है।टीसी से लेकर पुलिस कर्मचारियों और रेलवे विभागों में बैठे दलालों की दलाली जोर-शोर से चल रही है। पैसे लेकर स्लीपर कोच को जनरल कोच में तब्दील कर दिया जा रहा है। यात्रियों को टॉयलेट तक उपयोग करने को नही मिल पाता है।लोगों को काफी असुविधा और परेशानी होती है। रेलवे में सुरक्षा का भी अभाव है। न कोई सुविधा न कोई सुरक्षा। कन्फर्म टिकट होने के बावजूद टीसी, पुलिस कर्मचारियों और रेलवे की साठगांठ, मिलीभगत से यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में लोगों का जानमाल का खतरा बना रहता है। अगर कोई अनहोनी घटना होती है तो कौन जिम्मेदार होगा। टीसी से लेकर पुलिस कर्मचारी और रेलवे विभागों में बैठे दलालों से परेशान यात्रीगण की कौन सुध लेगा। अब तो सरकार को भी लोग निकम्मी घोषित कर रहे है। आम जनता को टिकट का भुगतान करने के बाद रिजर्वेशन होते हुए भी उन्हें रेलवे में मिलने वाली सुविधाओं से वंचित रहना पड़ता है। रेल मंत्री से लेकर सरकार की घोषणा और भाषणबाजी सिर्फ कागजी कागजों पर लीपापोती के अलावा कुछ नही है। ऐसा लगता है कि पांच साल के चुनावों के नतीजों में महारथ हासिल कर लिए है। शायद वही आंकड़े लाइफटाइम रहेंगे। इसलिए तो चुनावों में कुकुरमुत्ते की तरह यही यात्रियों और जनता के आगे हाथ जोड़कर सपने के पुल बाँधकर जीत जाते है। उसके बाद फिर अपना नंगा नाच जनता में दिखाते है कि हम नही सुधरने वाले है। क्योंकि पगार से लेकर पेंशन तक और एक आलीशान रूम से लेकर फाइव स्टार तक लाभ जनता ने उन्हें दिला दी है। अब भाड़ में जाए जनता। नेता और सरकारी कर्मचारी मस्त रहे।परेशान रहे यात्रीगण बेचारी। जिसको भी सफर करना है वो खुद जोखिम उठाकर यात्राएं करें। सरकार और रेलवे पर भरोसा न करें कि उनका कन्फर्म टिकट है तो रेलवे में उनकी सुविधाओं का भी ध्यान रखा जाएगा। ऐसा सोचना भी नही क्योंकि टीसी से लेकर पुलिस कर्मचारी और रेलवे विभागों में बैठे दलालों ने सुविधाएं और सुरक्षा बेच रखीं है। सावधान रहें सतर्क रहें सुरक्षित रहे। बेचारी जनता को झेलना तो पड़ेगा। क्योंकि जहां-जहां जाओगे कोई न कोई मिल ही जायेगा चाहे वो नेता हो या अभिनेता या पुलिस कर्मचारी या अन्य विभागों में सरकारी कर्मचारी या मीडिया में बैठे बहुत से लोगों की जगह-जगह पर चोरी दलाली और रिश्वतखोरी का अड्डा और धांधली है। आखिर कौन सुध लेगा। ऐसे भ्रष्टाचारी और रिश्वतखोरों पर कौन कसेगा शिकंजा कौन करेगा कार्रवाई। जब शासन- प्रशासन में ही चोर, रिश्वतखोर और भ्रष्टाचारियों का बोलबाला होगा।जनता बेचारी तो बहुत भोली है। सब कुछ भूल जाती है।यह भारत है।

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