उत्तर प्रदेशबस्ती

कागजों पर नाम किसी और का फोटो किसी और की

अजीत मिश्रा (खोजी)

कप्तानगंज – बस्ती

।। मनरेगा में भ्रष्टाचार का पर्दाफाश।।

कागजों पर नाम किसी और का फोटो किसी और की अपलोड की जा रही है। हाजिरी में पुरुष और महिलाओं की संख्या अपलोड फोटो से भिन्न है।

ग्राम पंचायत रामगढ़ उर्फ कठार जंगल में हुआ बड़ा खुलासा, जिम्मेदारों की भूमिका पर उठे सवाल।

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के अंतर्गत ग्राम पंचायत रामगढ़ उर्फ कठार जंगल में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है।

यह स्थिति न केवल सरकारी धन के दुरुपयोग को दर्शाती है, बल्कि सरकार की गरीबों को रोजगार देने की मंशा पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है। स्थानीय मजदूरों ने खुद इस बात की पुष्टि की कि असल में गिनती के कुछ ही मजदूर कार्यरत हैं, जबकि नाम दर्ज कर कई अन्य लोगों के नाम पर भुगतान निकाला जा रहा है।

ग्रामीणों का आरोप है कि यह घोटाला ग्राम प्रधान और मनरेगा एपीओ की मिलीभगत से चल रहा है। अब सवाल यह उठता है कि क्या जिम्मेदार अधिकारी इस घोटाले से वाकई अनजान हैं, या वे भी इस काले खेल में मौन भागीदार हैं?

स्थानीय लोगों और सूत्रों के अनुसार, यह कोई पहली घटना नहीं है। मनरेगा के तहत चल रहे तमाम कार्यों में गड़बड़ियां आम बात हो गई हैं। काम की वास्तविकता और मास्टर रोल में दर्ज मजदूरों की संख्या में भारी अंतर अब हर पंचायत में नजर आने लगा है।

जब इस मामले में विकासखंड अधिकारी से बात की गई, तो उन्होंने कहा, “मामले की जांच कराकर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।” हालांकि जनता में यह आशंका बनी हुई है कि कहीं यह मामला भी जांच के नाम पर ठंडे बस्ते में न डाल दिया जाए।

अब सबसे बड़ा सवाल यही है—
👉 गरीबों के हिस्से का पैसा आखिर कब तक कागजों में ही बंटता रहेगा?
👉 क्या जिम्मेदार अधिकारियों पर कभी सख्त कार्रवाई हो पाएगी?
👉 क्या इस बार जांच वाकई निष्पक्ष होगी?

जनता जवाब चाहती है, और कार्यवाही की उम्मीद भी।

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