
अजीत मिश्रा (खोजी)
एसडीएम और राजस्व टीम के तमाम नोटिस और विभागीय कार्रवाई के बावजूद, फैजान अहमद द्वारा सरकारी संपत्ति पर बनी इन अवैध दुकानों से कब्जा नहीं हटाया गया बल्कि अवैध किराएदारी भी वसूल की जा रही है।
बस्ती के इस गांव में दबंग फैजान ने सरकारी जमीन पर बनाई दुकानें, अब वसूलता है किराया
जिन जमीनों पर गांव के गरीब जन के लिए कल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन होना था, उन जमीनों पर सीधे तौर पर कब्जा कर दुकान बनाकर उसका दुरुपयोग किया जा रहा है, कुछ मनबढ़ इन जमीनों को अपनी जागीर समझ बैठे है और भ्रष्टाचार व सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचा रहे है। यह कहानी है, कैसे सरकारी बंजर जमीनों पर अवैध कब्जा कर उसे निजी कमाई का जरिया बना लिया गया और कैसे सिस्टम की ढिलाई से यह खेल सालों से चल रहा है. यह मामला सिर्फ एक शिकायत नहीं, बल्कि सरकारी संपत्ति के प्रति बढ़ती लापरवाही और जवाबदेही की कमी का एक बड़ा उदाहरण है।
यह पूरा मामला बस्ती जिले के सदर ब्लॉक के रामपुर गाँव से सामने आया है। इस गांव के एक जागरूक नागरिक ने प्रशासन से शिकायत करते हुए खुलासा किया है कि गाँव के गाटा संख्या 555, जो राजस्व अभिलेखों में स्पष्ट रूप से ‘बंजर’ यानी अनुपयोगी सरकारी भूमि के रूप में दर्ज है, उस पर न केवल अवैध रूप से कब्जा किया गया है, बल्कि उस पर बकायदा व्यावसायिक दुकानें बनाकर, उनसे भारी-भरकम किराया भी वसूला जा रहा है।
💫दबंग फैजान अहमद के द्वारा अवैध रूप किया अवैध कब्जा-
शिकायतकर्ता रिजवान अहमद के अनुसार, बंजर जमीन पर दबंग फैजान अहमद के द्वारा अवैध रूप से कब्जा किया गया है, डीएम से जब इस मामले की शिकायत हुई तो राजस्व विभाग की टीम ने मौके पर जाकर गाटा संख्या 555 का सीमांकन किया। टीम ने अपनी जाँच में साफ तौर पर पाया कि सरकारी बंजर भूमि पर अवैध रूप से फैजान ने पक्की दुकानें खड़ी कर दी हैं। इस अतिक्रमण को देखते हुए, राजस्व लेखपाल द्वारा अतिक्रमणकारी फैजान अहमद से इस अवैध कब्जे को हटाने के लिए नोटिस भी जारी किया जा चुका है। यह कानूनी प्रक्रिया का एक अहम हिस्सा था, जिससे उम्मीद जगी थी कि अब इस अवैध धंधे पर रोक लगेगी मगर अभी भी तहसील के अधिकारी कुंभकर्णी नींद सो रहे है।
💫अवैध किराएदारी भी वसूली जा रही –
एसडीएम और राजस्व टीम के तमाम नोटिस और विभागीय कार्रवाई के बावजूद, फैजान अहमद द्वारा सरकारी संपत्ति पर बनी इन अवैध दुकानों से कब्जा नहीं हटाया गया बल्कि हर माह हजारों रुपये प्रति माह की अवैध किराएदारी भी वसूली की जा रही है। यदि यह खेल कई सालों से चल रहा है, तो यह आंकड़ा लाखों नहीं, बल्कि करोड़ों रुपये तक माना जा सकता है, जो सीधे तौर पर सरकारी खजाने में जाने चाहिए थे, लेकिन यह अवैध रूप से निजी जेब में जा रहे हैं। यह स्थिति न केवल सरकारी राजस्व का खुला उल्लंघन है, बल्कि यह उन आम नागरिकों और व्यापारियों के साथ भी अन्याय है, जो ईमानदारी से अपना व्यवसाय करते हैं और सरकार को टैक्स देते हैं।
💫ऐसी जमीनों का उपयोग सार्वजनिक स्थलों के रूप में होता है-
रामपुर गांव की यह बंजर भूमि, जिसका सरकारी रिकॉर्ड में एक स्पष्ट उद्देश्य है, उस पर व्यावसायिक प्रतिष्ठान बनाना न केवल अवैध है, बल्कि यह भविष्य की सार्वजनिक योजनाओं, जैसे किसी सरकारी स्कूल, अस्पताल, या सामुदायिक केंद्र के निर्माण की संभावनाओं को भी खत्म करता है। ग्रामीण क्षेत्रों में अक्सर ऐसी बंजर भूमि का उपयोग पशुओं के चारागाह या स्थानीय समुदाय के लिए सार्वजनिक स्थलों के रूप में होता है। ऐसे में इसका अतिक्रमण, स्थानीय पारिस्थितिकी और सामाजिक ताने-बाने को भी प्रभावित करता है।
प्रधान के प्रतिनिधि वाहिद अहमद ने अपनी शिकायत में साफ तौर पर मांग किया है कि इस अवैध वसूली और कब्जे को तत्काल प्रभाव से रोका जाए। उनकी स्पष्ट मांग है कि इस सरकारी संपत्ति को अविलंब सीज किया जाए और इस पर से अवैध कब्ज़ा हटवाया जाए। यह मांग पूरी तरह से न्यायसंगत है और कानून के शासन को बनाए रखने के लिए बेहद आवश्यक है।
💫जिला अधिकारी ने सरकारी जमीन से कब्जा हटाने के दिए आदेश ।
जिला अधिकारी रवीश कुमार गुप्ता ने बंजर की जमीनों पर कब्जे के मामले को अत्यंत गंभीरता से लिया है।सरकारी जमीन पर हो रहे संगठित अवैध कब्ज़े, राजस्व की करोड़ों की चोरी और कानून को लेकर डीएम गंभीर है। जिसको लेकर सभी अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि बंजर की जमीनों पर कब्जे तत्काल हटाया जाए। कहा दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी, ताकि भविष्य में कोई भी सरकारी संपत्ति पर इस तरह की बुरी नजर डालने की हिम्मत न कर सके।