उत्तर प्रदेशबस्ती

प्रधान ने मनरेगा का पैसा हड़पने हेतु अपनाया नायाब तरीका अपने दोनों पुत्रों के नाम जारी किया मनरेगा का जाब कार्ड

अजीत मिश्रा (खोजी)

।। प्रधान ने मनरेगा का पैसा हड़पने हेतु अपनाया नायाब तरीका अपने दोनों पुत्रों के नाम जारी किया मनरेगा का जाब कार्ड।।

– मनरेगा प्रावधानों में एक परिवार में एक जाब कार्ड जारी किए जाने की है व्यवस्था।

– गौर ब्लाक के ग्राम पंचायत मझौआ दूधनाथ के मनरेगा भ्रष्टाचार से जुड़ा मामला।

         बस्ती ।। गौर ब्लाक की ग्राम पंचायत मझौआ दूधनाथ के ग्राम प्रधान ने मनरेगा में भ्रष्टाचार का नायाब तरीका अपनाते हुए अपने दोनो पुत्रों के नाम मनरेगा जाब कार्ड बना डाला है और उसमें मजदूरी का पैसा भेजकर भ्रष्टाचार को लगातार अंजाम दे रहे हैं । मनरेगा प्रावधानों में एक परिवार में एक ही जाब कार्ड जारी किए जाने की व्यवस्था की गयी है ।

         प्राप्त समाचार के अनुसार गौर विकास खण्ड की ग्राम पंचायत मझौआ दूधनाथ इन दिनो मनरेगा भ्रष्टाचार को लेकर चर्चा में बनी हुई है जहां एक तरफ ग्राम प्रधान राम शंकर द्वारा अपने दोनों पुत्रों रमेश यादव पुत्र रामशंकर व मनोज कुमार पुत्र राम शंकर के नाम मनरेगा जाब कार्ड जारी करके भ्रष्टाचार को लगातार अंजाम दिया जा रहा है वहीं दूसरी तरफ मनरेगा मजदूरों की हाजिरी में बड़ें पैमाने पर गोरखधंधा चल रहा है । जाब कार्ड के नाम पर किया जा रहा यह भ्रष्टाचार तो मात्र बानगी मात्र है यदि ग्राम पंचायत में कराए गए कार्यों की गहनता से पड़ताल किया जाए तो भ्रष्टाचार का महाजिन्न निकल सकता है । वैसे भी जनपद में मनरेगा भ्रष्टाचार की खबरे अखबारों में लगातार सुर्खियां बन रही हैं फिर भी मनरेगा के जनपदीय मुखिया डी०सी० मनरेगा की कुम्भकर्णी नींद का न खुलना और चिन्ता का विषय बना हुआ है । समय रहते यदि जिम्मेदारों ने मनरेगा भ्रष्टाचार को रोकने की कोई ठोस पहल नहीं किया तो तमाम जाने – माने चेहरों को सलाखों के पीछे जाने से कोई रोक नहीं पायेगा। उक्त प्रकरण में रोजगार सेवक त्रिलोकी नाथ पांडेय ने फोन के माध्यम से बताया कि ग्राम प्रधान के दोनों पुत्रों के नाम मनरेगा जॉब कार्ड बना है 2 वर्षों पहले मनरेगा जॉब कार्ड पर हाजिरी लगा है । ग्राम प्रधान के जॉब कार्ड को लेकर मामले का खुलासा होने पर अब हाजिरी जॉब कार्ड पर नहीं लग रही है । इस संबंध में ग्राम प्रधान से फोन के माध्यम से जानकारी लेना चाहा तो ग्राम प्रधान ने फोन रिसीव नहीं किया । उक्त प्रकरण को लेकर जब खंड विकास अधिकारी गौर के० के० सिंह से जब बात की गई तो खंड विकास अधिकारी ने जांच कर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है ।

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