उत्तर प्रदेशबस्ती

तहसीलदार ने आरोपी लेखपाल को बनाया जाँच अधिकारी

अजीत मिश्रा (खोजी)

।। तहसीलदार ने आरोपी लेखपाल को बनाया जाँच अधिकारी , सवालों के घेरे में खुद फंसे तहसीलदार व जाँच प्रक्रिया।।

💫 मुख्यमंत्री का स्पष्ट निर्देश लेखपाल नहीं करेंगे जाँच।

💫 भानपुर तहसील दिवस की जमीनी हकीकत , आरोपी बना दिए जा रहे जाँच अधिकारी , जनता को कैसे मिलेगा न्याय बना अहम प्रश्न।

बस्ती , उत्तर प्रदेश 

        बस्ती ।।‌ एक तरफ जहाँ प्रदेश के मुख्यमंत्री का स्पष्ट आदेश है कि लेखपाल कोई भी जाँच नहीं करेंगे तो दूसरी तरफ भानपुर तहसील में तहसीलदार द्वारा आरोपी लेखपाल को जाँच अधिकारी बनाकर जाँच प्रक्रिया और खुद को सवालों के घेरे में खड़ा कर लिया जा रहा है और तहसीलदार की कार्य प्रणाली को लेकर जनता में तहसील दिवस की विश्वसनीयता पर सवाल भी दागे जा रहे हैं ।

        प्राप्त समाचार के अनुसार तहसील भानपुर थाना सोनहा के पेलनी ग्राम के लेखपाल जयप्रकाश वर्मा ने अभी 18 जुलाई 2025 को गाँव में खलिहान खाते की जमीन पर रोपित सागौन के दर्जनों पेंड़ों को बिना किसी विधिक प्रक्रिया का पालन किए दबंगई से अपने कुछ सहयोगियों की मदद से काटकर बेंच लिया गया जिसका ग्रामीणों द्वारा बिरोध किया गया परन्तु दबंग लेखपाल के आगे ग्रामीण बेचारे पेंड़ो की कटान को रोक नहीं पाए और लेखपाल व उसके सहयोगी अपनी मंशा में सफल हो गए । लेखपाल की दबंगई से आहत पेलनी गाँव राम मिलन ने दिनांक 19 जुलाई 2025 को भानपुर तहसील दिवस में लेखपाल द्वारा सागौन के पेंड़ों को कटवा कर बेंच दिए जाने के बावत एक शिकायती पत्र सौंपकर लेखपाल को दण्डित करने की माँग इस आशय से किया कि उन्हें वहाँ से न्याय मिलेगा लेकिन तहसीलदार भानपुर द्वारा मुख्यमंत्री के निर्देशों के विपरीत आरोपी लेखपाल जय प्रकाश वर्मा को जाँच अधिकारी बनाकर खुद व जाँच प्रक्रिया को सवालों को घेरे में ला दिया गया । ग्रामीणों को जब यह भनक लगी कि तहसीलदार भानपुर द्वारा मामले में आरोपी लेखपाल जयप्रकाश वर्मा को ही जाँच अधिकारी बना दिया गया है तब से ग्रामीण तरह – तरह के सवाल दाग रहे हैं कि आखिर तहसीलदार द्वारा मुख्यमंत्री के आदेशों की अवहेलना क्यों की जा रही है कही यह तहसीलदार व लेखपाल की दुरभि संधि का परिणाम तो नहीं है जो तहसीलदार अपने अधीनस्थ लेखपाल जैसे कर्मचारी के सामने असहाय दिख रहे हैं । फिरहाल मामला जो भी हो जब आरोपी कर्मचारी खुद जाँच अधिकारी बन अपनी जाँच करेगा तो जाँच प्रक्रिया पर सवाल उठना लाजिमी है ।

Back to top button
error: Content is protected !!