
खतौनी में नाम दर्ज होने के बावजूद खेत जोतने बोने से किसान को क्यों रोक रही है पुलिस ?
अजीत मिश्रा (खोजी)
बनकटी-बस्ती।। जमीन सम्बन्धी एक मामले में किसान का उत्पीड़न करने के साथ पुलिस सिविल न्यायालय के फैसले का मज़ाक़ उड़ाते हुए किसान के विरुद्ध एकपक्षीय कार्यवाही कर शान्ति भंग की आशंका में चालान कर दिया। जो पुलिस की साफ नीयत पर सवाल खड़ा कर रहा है।
जानकारी के अनुसार थाना क्षेत्र के ग्राम लहरी निवासी रामचन्द्र ने अपनी पत्नी के नाम खेती करने के लिए डेढ़ दशक पूर्व गांव के निवासी महेंद्र से एक भूखंड बैनामा खरीदा है। जिसमें विक्रेता ने किसी दुर्भावना से ग्रस्त होकर बैनामा किये गये भूखण्ड पर तहसील के अलावा सिविल न्यायालय में मुकदमा दाखिल कर क्रेता को उस खेत को जोतने बोने से रोक दिया था। जिसमें सिविल न्यायालय ने वर्ष 2022 में रामचन्द्र के पक्ष में डिग्री दे दिया है। जिसके आधार पर रामचन्द्र की पत्नी का नाम खतौनी में अंकित भी हो गया है। फिर भी महेन्द्र पक्ष मुकदमें के फैसले की अवहेलना करते हुये बिक्रेता रामचन्द्र को उक्त भूखण्ड में जुताई व धान की रोपाई करने से बर्बरता पूर्वक रोक रहे हैं। जिसका उन्हें कोई हक हासिल नहीं है।
ऐसी स्थित में राम चन्द्र ने मुन्डेरवा पुलिस से खेत की जुताई व धान के रोपाई कराने का सहयोग की मांग किया। राम चन्द्र ने आगे बताया कि थानाध्यक्ष ने लगभग एक सप्ताह तक सहयोग देने का आश्वासन तो दिया लेकिन जब उनकी नाजायज अपेक्षा हमसे पूरा नहीं हुआ तो थानाध्यक्ष ने हमारा सहयोग करने की बजाय न सिर्फ असहयोग किया बल्कि महेन्द्र सिंह की पत्नी को भड़का कर खेत को जोतने बोने से बर्बरता पूर्वक न सिर्फ रोकवा दिया बल्कि एक पक्षीय कार्यवाही कर हमें व हमारे पुत्र को शान्ति भंग की आशंका में 14 जुलाई 2025 को पाबन्द कर मेरा चालान कर दिया।
अब सवाल उठता है कि खतौनी में नाम जिसका दर्ज है उसका सहयोग करने की बजाय थानाध्यक्ष किसान को अपने खेत को जोतने बोने से बर्बरता पूर्वक रोककर एक पक्षीय कार्यवाही कर गुनहगार का पक्ष क्यों ले रहे हैं ?.
आरोपों के मामले में पूंछने पर थानाध्यक्ष मुन्डेरवा अतुल अनजान ने कहा कि मेरे नौकरी का सवाल है।
जबकि कंप्यूटर से निर्गत खतौनी में रामचन्द्र की पत्नी का नाम न्यायालय के आदेश पर दर्ज है तो थानाध्यक्ष मुन्डेरवा को उसका पालन करने कराने की बजाय गुनहगार के पक्षधर क्यों हैं। क्यों दोहरी मानसिकता अपना कर पुलिस अपनी मनमानियों को अन्जाम दे रही है ।