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प्रयागराज में 15 दिनों से तेंदुए का ख़ौफ, दर्जनभर गांव के ग्रामीण डर से घरों में कैद होने के लिए मजबूर

यूपी के प्रयागराज जिले में एक तेंदुए की दहशत से करीब 1 दर्जन से ज्यादा ग्रामीण घरों में कैद होने को मजबूर हैं. वन विभाग तेंदुए को पकड़ने की कोशिश में जुटा है लेकिन अभी टीम को सफलता नहीं मिली है।

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प्रयागराज के गंगापार इलाके में तेंदुए की दहशत ने ग्रामीणों को घरों में कैद होने के लिए मजबूर कर दिया है. तेंदुए की दहशत से करीब दर्जनभर गांव के लोगों ने शाम और सुबह के समय में घरों से निकलना बंद कर दिया है. तेंदुए की दहशत के चलते किसान खेतों में भी जाने से डर रहें हैं. तेंदुए की दहशत के चलते वन विभाग की टीम भी तेंदुए को पकड़ने के लिए सभी जरूरी प्रयास कर रही है।

तीन गांव में लगाए गए पिंजड़े

तेंदुए के आतंक के साए में जी रहे सुदनीपुर कला गांव और हंडिया तहसील के तीन गांवों में वन विभाग ने 5 पिंजड़े भी लगा दिए हैं, पिंजड़े के साथ सिफ्टवार ड्यूटी भी वन विभागकर्मियों की लगाई गई है. पिंजड़े में मांस रखकर उसे कैद करने का प्रयास वन विभाग की टीम कर रही है.

पकड़ने के लिए वन विभाग ने बिछाया जाल

वन विभाग के रेंजर एलके दुबे ने बताया कि तेंदुए को पकड़ने के लिए जंगल और झाड़ी वाले जिन इलाकों में अब तक तेंदुए की लोकेशन मिली है, वहां पर पिंजड़ा लगाया गया है. पिंजड़े में मांस के टुकड़े रखकर तेंदुए को फंसाने का प्रयास किया जा रहा है. रेंजर के मुताबिक तेंदुआ मांस की स्मेल से पिंजड़े तक आ सकता है, इसीलिए जंगल और झाड़ी में अब पिंजड़े लगाए गए हैं, ताकि वह मांस की लालच में आकर पिंजड़े की तरफ आए।

तेंदुएक को पकड़ने की कोशिश तेज

वन विभाग के रेंजर ने कहा कि पिंजड़े वाली जगहों पर प्रशिक्षित टीमें भी तैनात हैं. अगर तेंदुआ वहां आता है तो उसे पिंजड़े में कैद करने का हर संभव प्रयास किया जाएगा. इसके साथ ही गांव में पंपलेट के जरिए लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है. तेंदुए के साथ ही अन्य जंगली जानवरों के पद चिन्हों वाले पंपलेट बांटे जा रहें हैं, ताकि तेंदुए का पद चिन्ह अगर कहीं नजर आता है तो उसके जरिए उसकी लोकेशन ट्रेस कर पकड़ा जा सके।

दहशत में एक दर्जन से ज्यादा गांव वाले

वहीं तेंदुए के चलते करीब दर्जनभर से अधिक गांवों में दहशत का माहौल है. गग्रामीणों ने घरों से शाम सुबह निकलना बंद कर दिया है. बेहद जरूरत होने पर अकेले के बजाय ग्रुप में लोग घरों से निकलते हैं. अपने काम निपटा कर शाम के सूरज ढलने से पहले घर पहुंच जाते हैं. बता दें कि बीते 8 अगस्त की शाम को प्रयागराज के मलखानपुर गांव में बाजरे के खेत में पहली बार तेंदुआ देखा गया था. जहां एक ग्रामीण पर तेंदुए ने हमला भी किया था. जिसका वीडियो भी सामने आया था।

रेस्क्यू का प्रयास, चकमा देकर हुआ फरार

हालांकि वन विभाग की टीमों ने उस दौरान रेस्क्यू का प्रयास किया था. लेकिन वह वन विभाग की टीम को चकमा देकर वहां से निकल भागा था. जिसके बाद मलखानपुर गांव के पास के ही धनैचा, सुदनीपुर कला, सैदाबाद, लीलापुर, कतवारूपुर, चौरा गांव समेत करीब दर्जनभर गांवों में अब तक तेंदुए के पहुंचने की खबर वन विभाग को ग्रामीणों ने दी है. हालांकि तेंदुआ वन विभाग की पकड़ से अभी तक बाहर है. ऐसे में अब वन विभाग की टीम ने गांवों के आस पास के जंगलों में पिंजड़ा बना दिया है. और पिंजड़े में मांस रखकर उसे फंसाने का प्रयास किया जा रहा है।

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