
लू से बचाव के लिए एडवायजरी जारी लू ताप एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या – सीएमएचओ डॉ बबिता
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ बबीता खरे ने बताया कि लू ताप, जिसे हीट स्ट्रोक भी कहा जाता है, एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जो तब होती है जब शरीर का तापमान बढ़ जाता है और शरीर उसे नियंत्रित नहीं कर पाता। यह समस्या गर्मियों में अधिक आम है, खासकर जब तापमान बढ़ जाता है और शरीर में पानी और नमक की कमी हो जाती है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में बढ़ते तापमान के कारण हीट स्ट्रोक की स्थिति निर्मित होने की संभावना बढ़ती जा रही है। जिले में लू के प्रकोप को गंभीरता से लेते हुए विभाग के अधिकारियों एवं स्वास्थ्य संस्थानों हेतु आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं। जैसे कि बाह्य रोगियों के कक्ष में बैठने की उचित व्यवस्था के साथ शीतल पेय जल की व्यवस्था दुरुस्त किया जाए। जिला चिकित्सालय में 5 बिस्तर एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 2 बिस्तर आरक्षित रखे जाए। लू ताप की चपेट में आने से शुरुआती लक्षणों में अत्यधिक पसीना, सिरदर्द और चक्कर आ सकते हैं, बुखार और उल्टी हो सकती है, मांसपेशियों में दर्द और कमजोरी हो सकती है, त्वचा लाल और गर्म हो सकती है। इसके गंभीर परिणाम में मस्तिष्क कोशिकाओं को नुकसान पहुंच सकता है, जिससे भ्रम, सिरदर्द, दौरे और गंभीर मामलों में कोमा तक की समस्या उत्पन्न हो सकती है। इसके कारण हृदयाघात, गुर्दे की समस्याएं बढ़ सकती हैं, जैसे कि गुर्दे की विफलता और गंभीर मामलों में मृत्यु भी हो सकती है।
सीएमएचओ ने सभी जन-मानस से अपील की है कि लू ताप से बचाव के प्राथमिक उपायों को अपनायें। पर्याप्त तरल पदार्थ पीना आवश्यक है, जैसे कि पानी, नींबू पानी, और फलों का रस। धूप से बचने का प्रयास करें, खासकर दोपहर के समय जब तापमान सबसे अधिक होता है। ढीले कपड़े पहनने चाहिए जो शरीर को ठंडा रखें। बच्चों और वृद्धों को लू ताप के खतरे से बचाने के लिए विशेष ध्यान रखना आवश्यक है। लू ताप के लक्षण दिखाई देने पर ओआरएस और नारियल पानी पीने से शरीर में पानी और नमक की कमी को पूरा किया जा सकता है। लेकिन स्वास्थ सामान्य ना होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में ले जाने में विलंब न करें।