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खरना, प्रसाद ग्रहण करने के बाद शुरू होगा 36 घंटे का कठिन निर्जला उपवास

सीवान जिला मुख्यालय समेत ग्रामीण इलाकों में लोक आस्था के महान पर्व छठ को ले लोगों में काफी उत्साह है। सुबह से देर शाम तक पूजा सामग्री की खरीदारी के लिए ले बाजारों में काफी चहल-पहल देखी गई। इस दौरान राशन, फल, कपड़ा, श्रृंगार सामग्री, मिट्टी के बर्तन, कोसी आदि की दुकानों पर लोगों की भीड़ देखी गई। बाजारों को दुल्हन की तरह सजाया गया है। चारों तरफ बज रहे छठ गीतों से माहौल पूरी तरह से छठमय हो गया है। बुधवार की शाम छठव्रतियों ने खरना किया। पहला अ‌र्घ्य गुरुवार की शाम को दिया जाएगा। बुधवार की संध्या स्नान के बाद भगवान भास्कर को जल अर्पित करने के बाद मिट्टी के चूल्हा पर आम की लकड़ी जलाकर खरना का प्रसाद तैयार किया गया। गेहूं की रोटी, साठी चावल एवं गुड़ की खीर तथा फल के साथ खरना किया। इसके पूर्व अग्नि देवता को समर्पित कर आगरासन निकाला गया। इस दौरान परिजन द्वारा छठ व्रतियों का अभिवादन कर आशीर्वाद लिया गया। बुधवार की पूरी रात एवं गुरूवार को छठ व्रती निराजल रहेंगे। गुरूवार की शाम परिजन के साथ छठ घाटों व घरों में ही अस्ताचलगामी सूर्य को अ‌र्घ्य दिया जाएगा तथा प्रतिमाओं के पास पूजा होगी। इसके बाद संध्या समय घर के आंगन में कोसी भरने की रस्म छठ व्रतियों द्वारा अदा की जाएगी। इसके बाद छठव्रती या परिजन द्वारा छठ घाटों पर भी आधी रात के बाद पहुंच कोसी भरी जाएगी। शुक्रवार की अल सुबह छठ घाटों व घरों पर पूजा कर उदीयमान सूर्य को अ‌र्घ्य देकर पूरे परिवार की सुख शांति की कामना की जाएगी। तत्पश्चात घर पर ही अन्य देवी-देवताओं की पूजा कर पारण कर चार दिवसीय छठ महाव्रत का समापन किया जाएगा। इसके बाद परिजन, रिश्तेदारों समेत अन्य संबंधियों में प्रसाद खाने-खिलाने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। श्रद्धा में डूबी महिलाएं पर्व की तैयारी करते हुए छठ गीतों को भी गुनगुना रही है।

युद्धस्तर पर हो रही छठ घाटों की सफाई

लोक आस्था का महान पर्व को गुरूवार की शाम श्रद्धालु विभिन्न नदी घाटों व अपने-अपने घरों में अस्ताचलगामी सूर्य का अ‌र्घ्य देंगे। इसको लेकर श्रद्धालुओं द्वारा विभिन्न छठ घाटों की सफाई तथा सजावट अंतिम चरण में है। इसी क्रम में सिसवन, दरौली, रघुनाथपुर, गुठनी, मैरवा, भगवानपुर, लकड़ी नबीगंज, आंदर, अर्कपुर, खे़ढांय, बसंतपुर, जीरादेई, जामापुर आदि जगहों पर छठ घाट की सफाई में एड़ी चोटी एक किए हुए हैं। बसंतपुर कबीर कुंज तथा राम जानकी मंदिर के पास छठ घाट, की सफाई अंतिम चरण में है। पचरुखी प्रखंड मुख्यालय समेत पूरा ग्रामीण इलाका छठ मय बना हुआ है। चारों ओर छठी मइया की गीत से माहौल भक्तिमय हो गया है। वहीं श्रद्धालु छठ घाटों की सफाई तथा घाट जाने वाले सड़क की मरम्मत में जुट गए हैं। प्रखंड के जसौली, मखनुपुर, गोपालपुर, हरदिया, शंभोपुर, पपौर, बड़कागांव, सहलौर, तरवारा, बड़हरिया यमुनागढ़, लकड़ी नबीगंज, मदारपुर किशुनपुरा, डुमरा आदि जगहों पर छठ घाट की सफाई अंतिम चरण में है। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र में छठ घाट सज धज कर तैयार हो गए हैं। घाटों पर छठव्रतियों के लिए पंडाल, लाइट आदि की व्यवस्था की गई है।

बाजारों में छठ पूजा सामग्री की खरीदारी को उमडी भीड़ खरना, प्रसाद ग्रहण करने के बाद शुरू होगा 36 घंटे का कठिन निर्जला उपवास

शहर के सब्जी मंडी, थाना रोड, बड़ी मस्जिद रोड, गल्ला मंडी, श्रद्धानंद बाजार, श्रीनगर में छठ पर्व के लिए अस्थाई दुकानें लगाकर दुकानदार यहां कलसूप, फल, सब्जी व पूजन के लिए इस्तेमाल होने वाले सामान की बिक्री कर रहे है। वहीं दुकानदारों ने बताया कि पानी वाले नारियल से लेकर हल्दी, अरवी और बड़ा नींबू (गागल) की बिक्री हो रही है। छठ पूजा के लिए विशेष रूप से दउरा, कलसूप व माला, सूथनी, टाप नींबू, छोटा नींबू, अदरक और हल्दी पात, नारियल, अनानास, गन्ना, धूप की लकड़ी व कलश की मांग रहती है। वहीं दूसरी ओर छठ पूजा सामग्री का ले जिले के बसंतपुर, महाराजगंज, मैरवा, पचरुखी, दारौंदा, भगवानपुर, लकड़ी नबीगंज, मदारपुर, बड़हरिया, दरौली समेत अन्य प्रखंडों में छठ पूजा सामग्री को ले लोगों की भीड़ देखी गई। सामग्री के आसमान छूते भाव के बावजूद खरीदारी में कोई कमी नहीं देखी गई। इस दौरान बाजारों में भीड़ के कारण लोगों को चलने की जगह नहीं मिल रही थी। लोगों को काफी परेशानी देखी गई, लेकिन लोक आस्था के पर्व को ले लोगों में काफी उत्साह देखा गया।

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