लोकसभा चुनावों में क्लीन स्वीप करने से चुकी बीजेपी राज्य के बोटाद में दो दिन मंथन करेगी। पार्टी की राज्य कार्यकारिणी की बैठक में भविष्य की तैयारियों के साथ राज्य में कांग्रेस की चुनौती से निपटने को लेकर चर्चा होगी। कांग्रेस ने हाल ही में राजकोट में बंद बुलाया था जो काफी सफल रहा था।
लोकसभा चुनावों में क्लीन स्वीप की ‘हैट्रिक’ बनाने से चूकी गुजरात बीजेपी बोटाद में भगवान स्वामीनारायण की शरण में दो दिन मंथन करेगी। गुजरात बीजेपी ने क्षेत्रीय कार्यकारिणी की बैठक बोटाद जिले के सालंगपुर के बीएपीएस मंदिर में आयोजित करने का ऐलान किया है। यह बैठक 4 और 5 जुलाई को होगी। प्रदेश भाजपा की कार्यकारिणी की बैठक की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल की करेंगे। इस बैठक में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की मौजूदगी में होगी। गुजरात में पार्टी ने राजकोट गेम जोन अग्निकांड के चलते जीत पर कोई जश्न नहीं मनाया था। लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद यह पार्टी की पहली बैठक होगी।
2024 लोकसभा चुनावों में बीजेपी को 26 सीटों में 24 सीटों पर जीत मिली। सूरत की सीट पर मुकेश दलाल निर्विरोध चुने गए। पार्टी को लोकसभा चुनावों में कुल 61.86 फीसदी वोट मिले, जबकि 2019 में चुनावों में उसे 62.21 प्रतिशत वोट मिले थे। ऐसे में उसके वोट बैंक में मामूली गिरावट आई है। लोकसभा चुनावों के बाद चूंकि प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल केंद्रीय मंत्री बन चुके हैं। ऐसे में इस बैठक में अगले प्रदेश अध्यक्ष की खोज भी पूरी हो सकती है। राज्य में लंबे समय से सरकार और संगठन में फेरबदल और बदलाव की अटकलें है। ऐसे में माना जा रहा है कि जब प्रदेश बीजेपी की कार्यकारिणी बोटाद के बीएपीएस मंदिर में मंथन करेगी तो इन मुद्दों पर चर्चा हो सकती है।
बीजेपी ने प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी के सभी जिला और महानगर के मंडल अध्यक्ष से लेकर प्रदेश के सभी पदाधिकारी तक को बुलाया है। इस बैठक में बीजेपी के सभी सभी विधायक, दोनो सदनों के सांसद भी उपस्थित रहेंगे। ऐसी संभावना है कि इस बैठक के बाद बीजेपी गुजरात में पार्टी का सदस्यता अभियान शुरू कर सकती है। इसके बाद संगठन चुनाव प्रक्रिया पूर्ण होने तक कार्यवाहक अध्यक्ष की नियुक्ति भी की जा सकती है। ऐसी भी संभावना व्यक्त की जा रही है कि पार्टी आगे चलकर कार्यवाहक को ही पूर्णकालिक अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंप सकती है। गुजरात विधानसभा में बीजेपी जहां मजबूत हुई है तो वहीं लोकसभा चुनावों में उसके हाथ से एक सीट फिसली है। विधानसभा में अभी कुल सदस्यों की संख्या 180 है। दो सीटें रिक्त है। इनमें बीजेपी के 161 विधायक हैं। उसे दो निर्दलीय का भी समर्थन है, लेकिन पार्टी के लिए बनासकांठा लोकसभा सीट पर हार और राजकोट अग्निकांड के बाद कांग्रेस की अपील पर हुए व्यापक बंद ने नई चुनौती पेश की है।