अंबेडकरनगर
गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों की देखभाल व इलाज के लिए अब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र टांडा में मिनी एनआरसी (पोषण पुनर्वास केंद्र) स्थापित की जाएगी। इससे टांडा व आसपास के क्षेत्रों में मिलने वाले कुपोषित बच्चों को लेकर परिजनों को जिला अस्पताल की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी।
बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग की ओर से आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से छह वर्ष तक के बच्चों के स्वास्थ्य की नियमित निगरानी की जाती है। पोषण ट्रैकर पर बच्चों की लंबाई व वजन की जानकारी फीड की जाती है। इसमें जिन बच्चों का वजन उनकी उम्र से कम होता है, उन्हें अलग-अलग श्रेणी में विभाजित करते हुए उनकी निगरानी शुरू की जाती है।
सैम व मैम श्रेणी (अति कुपोषित) बच्चों को जिला अस्पताल में संचालित पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराया जाता है, जहां करीब 10 दिनों तक बच्चों के खानपान की व्यवस्था की जाती है। सेहत में सुधार होने के बाद उन्हें घर भेज दिया जाता है।
जिला अस्पताल में 10 बेड की एनआरसी है। इसी तर्ज पर अब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र टांडा में मिनी एनआरसी स्थापित की जाएगी, जिसमें चार बेड होंगे।
इसके लिए सीएमओ डॉ. राजकुमार ने रविवार को सीएचसी पहुंचकर अधीक्षक डॉ. अजय कुमार गुप्ता के साथ मिनी एनआरसी के लिए स्थान देखा। सीएमओ ने बताया कि जल्द ही स्थान चिह्नित कर एनआरसी बनाने का प्रस्ताव भेजा जाएगा।
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