
जैसलमेर
राजस्थान खो-खो संघ व दयानंद महाविद्यालय अजमेर के संयुक्त तत्वावधान में होने वाली राजस्थान खो-खो लीग कम नॉक आउट चैंपियनशिप में शामिल होने वाली छः टीमों में खेल रहे 120 खिलाड़ियों का ऑक्शन रविवार सांय को हुआ लिए
350 खिलाड़ियों में से 120 खिलाड़ियों को चार ग्रेड में विभक्त किया गया l एबीसीडी चारों ग्रुप में प्रत्येक में 20-20 खिलाड़ियों को लिया गया है जिसमें से जैसलमेर जिले के ग्राम पंचायत पारेवर निवासी श्री चेतन राम राठौड़ के सुपुत्र हंसराज राठौड़ का राजस्थान खो-खो लीग कम नॉक आउट चैंपियनशिप में चयन होने पर गांव व संपूर्ण जिले में खुशी की लहर छा गई है ।
आगामी दिनों में राजस्थान खो-खो लीग नॉक आउट चैंपियनशिप का आयोजन होगा और यह लीग अजमेर जिले में आयोजित होगा। इस तरह का आयोजन राजस्थान में पहली बार होगा।
प्रतियोगिता की तैयारी राज्य खो-खो संघ के अध्यक्ष भंवर सिंह पड़ाला, सचिव परवीन बानो तथा भारती रेफरी बोर्ड के चेयरमैन डॉ. सैयद असगर अली के निर्देशन में की जा रही है।
जिला खेल सचिव टोंक मारूफ हसन ने बताया कि सभी उभरते हुए खिलाड़ियों को खो-खो खेल में भी नया प्लेटफार्म मिलेगा और खिलाड़ियों की बोली लगाई गई है और राजस्थान की 6 टीमें है जिसमे राजस्थान खो-खो लीग नॉक आउट चैंपियनशिप 2023-24 जयपुर पैंथर्स टीम ने हंसराज को फ्रेंच एनसी अपनी टीम का हिस्सा बनाया, ए ग्रेड जयपुर पैंथर्स टीम ने ए ग्रेड के अंदर हंसराज को चयनित किया और अपनी टीम का हिस्सा बनाया।
चैंपियनशिप के समन्वयक व दयानंद कॉलेज के खेल अधिकारी डॉ. असगर अली ने बताया कि ऑक्शन के लिए 18 जिलों के संघ पदाधिकारी पहुंचे थे l
आठ दिन चलने वाली प्रतियोगिता में जयपुर पैंथर , अजमेर रॉयल , बीकानेर वारियर्स , नागौर बुल्स , शेखावाटी सोल्जर व सीकर योद्धा की टीमें अपनी दमखम दिखाएंगी l छः खंड की प्रतियोगिता में 2 सुलतान , पॉवर प्ले , ड्रीन रन , इंपेक्ट प्लेयर , अटैकर और डिफेंडर रहेंगे l
हंसराज जब शहीद वीर बहादुर सिंह राठौड़ राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय पारेवर में पढ़ता था तब भी खो-खो खेल से इन्हे बहुत लगाव था और जिले स्तर पर खो-खो टूर्नामेंट में पारेवर विद्यालय की टीम में भाग लेता था और बहुत ही अच्छा प्रदर्शन दिखाता था और इनका कई बार राजस्थान स्टेट और चार बार नेशनल में भी चयन हुआ है।
जब हंसराज राठौड़ की उम्र 12 वर्ष थी तब इनकी माताजी इनसे विदा हो गई थी l प्रतिकूल विकट परिस्थितियों के बावजूद भी इनके पिताजी ने पशुपालन का व्यवसाय करके अपनी औलाद का हौंसला अफजाई कर आगे बढ़ने हेतु प्रोत्साहित करते रहे l
हंसराज ने इस मुकाम तक पहुंचने का श्रेय अपनी माता जी स्मृति शेष श्री मती सायबी देवी एवं अपने दादा जी स्मृति शेष श्री डला राम राठौड़ को स्मरण करते हुए अपने पिता जी , परिजनों एवं राजस्थान खो खो संघ को दिया है।
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