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कल्दा क्षेत्र की आदिवासी महिलाओं ने मुर्गीपालन से पांच माह में 13 लाख रूपए से अधिक कमाये

(जावेद खान ब्यूरो पन्ना):- जिला प्रशासन पन्ना के नवाचार से एमपीडब्ल्यूपीसीएल संस्था के सहयोग से मनरेगा योजना और डीएमएफ मद से फरवरी 2024 से कल्दा पठार क्षेत्र की गरीब आजीविका मिशन समूह की आदिवासी महिलाओं के लिए मुर्गी शेड बनवाकर मुर्गीपालन की गतिविधि शुरू की गई थी। पहले इन महिलाओं की आजीविका का मुख्य साधन वनोपज व मजदूरी थी। प्रत्येक महिला सदस्य को 500 मुर्गी की क्षमता का शेड बनवाया जा रहा है। अभी तक 100 शेड पूर्ण होकर 88 शेड में मुर्गी पालन आरंभ किया जा चुका है। महिला सदस्य द्वारा केवल 35 दिन के चक्र में प्रतिदिन 3 बार मुर्गी को दाना पानी खिलाकर साफ सफाई की जाती है। मुर्गी क्रय एवं विक्रय का कार्य संस्था के द्वारा किया जाता है। गतिविधि के सफल क्रियान्वयन के लिए महिलाओं द्वारा संयुक्त रूप से श्यामगिरी पोल्ट्री प्रोड्यूसर कंपनी खोली गई है। वर्ष के अंत में कंपनी को हुए मुनाफे को बोनस के रूप में भी सभी सदस्यों में वितरित किया जायेगा।
मुर्गीपालन गतिविधियों के तहत अब तक 88 महिलाओं को पांच माह में 13 लाख 28 हजार 144 रूपए प्राप्त हो चुके हैं। प्रत्येक महिला को एक 35 दिन के चक्र में मुर्गियों के वजन अनुसार 5 से 9 हजार रूपये की बचत हो रही है। महिलाऐं मुर्गीपालन गतिविधि के संचालन से काफी खुश हैं। अब उन्हें जंगल मे लकड़ी इकट्ठा करने एवं महुआ एकत्र करने की जरूरत नहीं पड़ रही है। गतिविधि के निरंतर विस्तार के लिए द्वितीय चरण में 107 मुर्गी शेड निर्माण का कार्य अंतिम चरण में है। सितम्बर माह तक 200 महिलाओं द्वारा मुर्गीपालन आरंभ कर दिया जाएगा। इसके अलावा 100 नवीन महिला सदस्यों का चिन्हांकन किया जा चुका है, जिनके मुर्गी शेड निर्माण का कार्य आरंभ किया जाएगा। आगामी 2 वर्ष में कल्दा क्षेत्र की कुल 500 आजीविका मिशन समूह महिलाओं को मुर्गी पालन गतिविधियों से लाभ दिया जाएगा। प्रत्येक महिला एक वर्ष में 250 दिन प्रत्येक दिन 3 घंटे कार्य कर गतिविधि से वर्ष में 50 हजार से 70 हजार रुपये तक की बचत कर सकेंगी।

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