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भाईदूज का धार्मिक महत्व

भाईदूज का पावन पर्व प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथी को मनाया जाता है। इसे यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन बहने अपने भाईयों के मस्तक पर तिलक लगाकर उनके लिए लंबी आयु खुशहाल जीवन की ईश्वर से कामना करती है। भाईदूज भाई बहनों के पवित्र रिश्ते का प्रतीक है। आइये जानते हे इस बार भाईदूज पूजन का शुभ मुहूर्त -: पंचांग अनुसार द्वितीया तिथी का आरंभ 02/11/2024 शनिवार को रात के 08:22 मिनट पर हो रहा है और द्वितीया तिथी का समापन 03/11/2024 रविवार को रात के 11:06 मिनट पर है। इसके अनुसार भाईदूज का पर्व 03 नवंबर 2024 रविवार को मनाया जायेगा। भाईदूज पूजन का समय 03/11/2024 रविवार को दिन मे 11:45 मिनट से 01:30 मिनट तक उत्तम होगा। धार्मिक मान्यता है कि बहने शुभ मुहूर्त मे अपने भाईयों तिलक करती है तो भाईयों की आयु लंबी होती है और भाई बहन दोनो के जीवन मे सुख शांति समृद्धि आती है। कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाने वाला भाईदूज का यह पर्व भाई बहन के अटूट प्रेम और रिश्ते का प्रतीक है। धार्मिक मानयताआहै कि इस दिन यमुना जी ने अपने भाई यम को आदर सहित अपने घर मे भोजन कराया था। यमराज के वरदान अनुसार जो भी व्यक्ति इस दिन यमुना नदी मे स्नान करके यम का पूजन अर्चन करेगा करता है तो उसे मृत्यु पश्चात यमलोक मे नही जाना होता है। यमुना जी को सूर्यदेव की पुत्री माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यमुनाजी सभी के कष्टों का हरण करती है। इसलिए यम द्वितीया पर यमुना नदी मे स्नान करना और यमुना जी और यमराज की पूजा अर्चना करना विशेष फलदायक माना जाता है। सनातन मान्यता अनुसार भाईदूज के दिन बहनो को अपने भाई को उत्तर पूर्व दिशा की ओर मुंह करके तिलक करना चाहिए। तिलक करने के बाद बहने अपने भाईयों का मुंह मीठा करवाती है और इसके बाद भाई को नारियल और चावल प्रदान करती है। इसके बाद बहने भाईयों की आरती उतारती हैं और उनके मंगलमय जीवन की कामना करती हैं। भाई अपने बहनों को उपहार प्रदान करते है। ऐसा माना जाता है कि इस प्रकार पूजन अर्चन करने पर भाई बहन का स्नेह सदैव बना रहता है। ।।। वंदेभारतलाइवटीवी नयुज की ओर से सभी बहनों और भाइयों को पवित्र भाईदूज के पर्व की हार्दिक बधाई और शुभकामनाऐं ।।।।।

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