गुरूवार 12 दिसंबर को केन्द्रीय कैबिनेट की बैठक मे “एक देश एक चुनाव” बिल को मंजूरी प्रदान कर दी है। सूत्रों के अनुसार अब सरकार इस बिल को जल्द ही सदन के पटल पर रख सकती है। ये विधेयक अगले हफ्ते इसी शीतकालीन सत्र मे लाए जाने की पूरी संभावना है। सबसे पहले इसके लिए जेपीसी की कमेटी का गठन किया जायेगा। सभी राजनीतिक दलों से इसके लिए सुझाव लिए जायेगें।इसके बाद इस विधेयक को संसद मे पेश किया जायेगा। इसके पहले रामनाथ कोविंद की कमेटी ने सरकार को एक देश एक चुनाव, से जुडी अपनी रिपोर्ट दी थी। देश मे अभी अलग अलग राज्यों मे अलग अलग समय पर चुनाव कराए जाते है। इस विधेयक के कानून बन जाने के बाद पूरे देश मे एक साथ चुनाव कराए जाने की सरकार की तैयारी है। सरकार के इस कदम का कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने इसका विरोध जताया है। जानकारी अनुसार सभी राज्य विधान सभाओं के अध्यक्षों विशेषज्ञों अंर सिविल सोसायटी के सदस्यों के साथ अपने विचार साझा करने को कहा जायेगा। आम जनता से भी इसके लिए सुझाव लिए जायेंगे। संभावित चुनौतियों का समाधान किया जायेग। सरकार चाहती है कि इस विधेयक को लेकर पूरा समर्थन हासिल किया जाए। एक देश ऐक चुनाव से बार बार होने वाले चुनावो से जुड़ी लागत तथा व्यवधानो को कम करने के लिए एक व्यापक सुधार के रूप मे भी देखा जा रहा है।हलांकि विपक्षी दल इसकी व्यवहार्यता को लेकर सवाल भी उठा सकते है।
2,501 Less than a minute