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अपनों को उपकृत करने रामभद्र ने नियमों को दिखाया ठेंगा

ग्राम पंचायत भगवार का मामला

सीधी। जब बात अपनों पर उपकार की आती है तो नियम कायदों को भी दरकिनार करने में लोग नहीं हिचकते हैं, कुछ ऐसा ही किया पंचायत सचिव रामभद्र शुक्ला ने जिन्होंने प्रतिबंधित चीजों की भी खरीदी की सिर्फ इसलिए ताकि उनके अपने लोग लाभान्वित हो सके। कुसमी विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत भगवार के सचिव रामभद्र शुक्ला ने 316000 कीमत की लाल ईंटें खरीदी साॅइ एक्सपर्ट टेक्नोलॉजी सीधी से जिसका पता सिर्फ उन्हें मालूम है। उल्लेखनीय है कि सरकारी निर्माण कार्यों में लाल ईंटों का उपयोग मध्यप्रदेश शासन ने मध्य प्रदेश शासन वर्ष 2019 में ही बंद किए जाने के आदेश जारी किए थे। इसके बाद से ही सरकारी निर्माण कार्यों में फलाई ऐश से बनी ईंटों का उपयोग किया जाने लगा। सचिव रामभद्र शुक्ला ने शासन के इस निर्देश को ज्यादा तवज्जो ना देते हुए लाल ईंटों का उपयोग जारी रखा। कहने को तो यह भी कहा जा सकता है कि कुसमी और उसके आसपास के क्षेत्र में फ्लाई ऐश ईंटें उपलब्ध नहीं है लेकिन जब लाल ईटे ही कुसमी से लगभग 80 किलोमीटर दूर सीधी से खरीदी गई है तो फिर सीधी में तो फ्लाई ऐश ईंटें भी उपलब्ध थी फिर क्यों लाल ईटे ही खरीदी गई। इस संबंध में जैसा कि पूर्व सरपंच संजय मौर्या ने पहले ही चर्चा के दौरान स्पष्ट किया है कि- “बाउंड्री वाल निर्माण का कार्य तत्कालीन सचिव रामभद्र शुक्ल द्वारा अपने भाई को दिया गया था।” सवाल यह उठता है कि अगर पंचायत निर्माण कार्य नहीं कर सकती थी तो फिर उसे निविदा आमंत्रित कर कार्य को ठेके पर देना था । कहने का तात्पर्य यह कि अपनों पर उपकार की कोई सीमा नहीं है इसलिए एक भाई को बनाया ठेकेदार और एक को सप्लायर इस तरह शासन के नियमों को दरकिनार कर अपनों को उपकृत करने के लिए मनमानी की गई।

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