*समाचार*
*बर्डफ्लू रोग के रोकथाम हेतु रैपिड रिस्पॉन्स टीम गठित, सतर्कता बरतने के लिए दिशा-निर्देश जारी*
*बाहर से आने वाले पोल्ट्री एवं पोल्ट्री उत्पाद के जांच के निर्देश*
जगदलपुर, 02 फरवरी 2025/ प्रदेश के रायगढ़ जिले मे बर्ड फ्लू रोग की पुष्टि होने के पश्चात भारत शासन के निर्देशानुसार बर्डफ्लू रोग नियंत्रण एवं रोकथाम सम्बन्धी दिशा-निर्देश का पालन किया जाना है। इस दिशा में कलेक्टर श्री हरिस एस के निर्देशानुसार सयुंक्त संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं द्वारा जिले में पशुधन एवं पक्षियों में बीमारियों के रोकथाम एवं सतत् निगरानी हेतु रैपिड रिस्पॉन्स टीम का गठन किया गया है। बर्डफ्लू रोग के नियंत्रण एवं सर्वलांस के लिए सभी एहतियाती पहल किए जाने के निर्देश पशु चिकित्सा विभाग के अतिरिक्त उपसंचालक सहित वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी, पशु चिकित्सा सहायक शल्यज्ञ, प्रभारी, पशु चिकित्सालय, प्रभारी कृत्रिम गर्भाधान केन्द्र, प्रभारी पशु रोग अन्वेषण प्रयोगशाला और प्रबंधक शासकीय कुक्कुट पालन प्रक्षेत्र को दिए गए हैं। वहीं बाहर से आने वाले पोल्ट्री एवं पोल्ट्री उत्पाद का जांच सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
सयुंक्त संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि बर्डफ्लू रोग पक्षियों का संक्रामक एवं घातक रोग है जिससे बैकयार्ड पोल्ट्री पालक एवं पोल्ट्री व्यवसायों को अत्यधिक हानि होता है एवं यह रोग मनुष्यों को भी संक्रमित करता है। राज्य के सीमा पार से बर्ड फ्लू रोग के प्रवेश रोकने एवं पक्षियों में असामान्य बीमारी एवं मृत्यु हेतु सतर्क रहें। बर्ड फ्लू रोग के प्रवेश रोकने संबंधी तैयारी एवं सतर्कता संबंधी कार्ययोजना का अक्षरशः पालन करें। भारत सरकार के गाईड लाईन्स में दिये गये सैम्पल साईज का पालन करते हुये नमूने एकत्र कर राज्य स्तरीय रोग अन्वेषण प्रयोगशाला रायपुर को प्रस्तुत किया जाना सुनिश्चित करें। विकरीय सामग्री विक्रय करने वाले बाजार, पोल्ट्री मार्केट, चेन सप्लाई एरिया, बतख पालन प्रक्षेत्र एवं जंगली व अप्रवासी पक्षियों के इलाको में विशेष निगरानी सुनिश्चित किया जाए। अचानक पक्षियों यथा बतख, कौवे, कुक्कुट एवं प्रवासी पक्षियों की बड़ी संख्या में मृत्यु होने पर बायो-सेक्यूरिटी नियमों का पालन करते हुये मृत पक्षियों का नमूना एकत्र कर राज्य स्तरीय रोग अन्वेषण प्रयोगशाला रायपुर से समन्वय बनाकर केन्द्रीय अन्वेषण प्रयोगशाला भोपाल भेजा जाए।
बर्डफ्लू रोग के नियंत्रण की दिशा में वन विभाग से समन्वय स्थापित कर अक्सर अप्रवासी पक्षियों के देखे जाने वाले क्षेत्र जैसे नेशनल पार्क, राष्ट्रीय अभ्यारण्य, पोखर, झील को चिन्हांकित कर उन इलाकों के समीप पोल्ट्री पॉपुलेशन सर्वलांस एवं सेरो सर्वलांस हेतु विशेष कार्ययोजना बनाकर उस पर अमल करें। विभागीय गतिविधियों, शिविरों, पशुपालक गोष्ठी आदि के माध्यम से बर्डफ्लू रोग के लक्षण बचाव के विषय में प्रचार-प्रसार द्वारा पोल्ट्री व्यवसाय से जुड़े लोगों को बर्ड फ्लू रोग के जुनेटिक महत्व एवं रोकथाम संबंधी जानकारी से अवगत कराया जाए। बैकयार्ड पोल्ट्री एवं व्यवसायिक पोल्ट्री से जुड़े सभी लोगों को पक्षियों में असामान्य बीमारी एवं मृत्यु की सूचना तुरंत निकटतम पशु चिकित्सा संस्था में देने हेतु प्रोत्साहित किया जाए। भारत सरकार के गाइड लाईन्स में रोग उदभेद की स्थिति से निपटने आवश्यक उपकरण, रसायन एवं पीपीई किट तैयार रखा जाए। जिले के शासकीय एवं निजी पोल्ट्री फार्म, पोल्ट्री प्रक्षेत्र, पोल्ट्री व्यवसायिक केन्द्र इत्यादि में जैव सुरक्षा के सभी नियमों से अवगत कराने सहित पालन किये जाने संबंधी निर्देश पारित किया जाए। बर्ड फ्लू रोग के नियंत्रण एवं रोकथाम सम्बन्धी कार्यों का प्रतिवेदन नियमित तौर पर प्रस्तुत किया जाए।