
दरभंगा: कवीश्वर चंदा झा की जयंती पर भव्य समारोह, स्मारक देखरेख की जिम्मेदारी छात्रा को सौंपी गई
दरभंगा, बिहार – दरभंगा जिले के केवटी प्रखंड के पिंडारूच गांव में स्थित कवीश्वर चंदा झा स्मृति समारोह समिति द्वारा हर साल की तरह इस वर्ष भी माघ शुक्ल सप्तमी के अवसर पर कवीश्वर की जयंती मनाई गई। इस दौरान उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पण का कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस अवसर पर समिति के संरक्षक शिवकांत झा, सचिव नवीन चौधरी, अध्यक्ष ललित चौधरी, पंचायत मुखिया गोपाल झा, अधिवक्ता सोमनाथ चौधरी, भाजपा पंचायत अध्यक्ष जनक दास और स्थानीय छात्रा मेघा सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया और कवीश्वर चंदा झा की प्रतिमा पर श्रद्धा-सुमन अर्पित किए।
स्मारक देखरेख की जिम्मेदारी छात्रा मेघा को सौंपने का निर्णय
समारोह में वयोवृद्ध शिवकांत झा ने स्मारक की नियमित देखरेख और सामग्री के रख-रखाव के लिए स्थानीय छात्रा मेघा को यह जिम्मेदारी सौंपने का आग्रह किया। समिति के सचिव नवीन चौधरी ने इस प्रस्ताव को तुरंत स्वीकार कर लिया।
स्मारक के सामने तालाब पर घाट निर्माण का प्रस्ताव
श्री झा ने स्मारक के आगे स्थित तालाब पर घाट निर्माण के लिए पंचायत के मुखिया गोपाल झा से अनुरोध किया। मुखिया जी ने कहा कि जमीन का NOC मिलते ही पंचायत पूरी तरह से सहयोग देने के लिए तैयार है। इसके लिए अधिवक्ता सोमनाथ चौधरी को NOC प्राप्त करने की जिम्मेदारी सौंपी गई।
स्मारक में सुविधाएं बढ़ाने पर चर्चा
समिति के अध्यक्ष ललित चौधरी ने प्रस्ताव रखा कि स्मारक में कवीश्वर द्वारा रचित मैथिली रामायण की प्रतियां, आलमारी, कुर्सियां, और विद्युतीकरण की व्यवस्था के लिए चंदा संग्रह किया जाए। इस प्रस्ताव पर सर्वसम्मति से सहमति बनी।
बिहार सरकार से भुगतान न होने पर न्यायालय जाने की चेतावनी
समिति के सचिव नवीन चौधरी ने अपने संबोधन में बताया कि 2022-23 सत्र में आयोजित द्विदिवसीय कवीश्वर चंदा झा स्मृति समारोह का भुगतान बिहार सरकार द्वारा अब तक नहीं किया गया है। उन्होंने इस संबंध में किए गए सभी प्रयासों के कागजात समिति के समक्ष प्रस्तुत किए।
इसके बाद सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि यदि जल्द ही सरकार से भुगतान नहीं होता है, तो समारोह समिति न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी।
इस मौके पर सभी वक्ताओं ने कवीश्वर चंदा झा के साहित्यिक योगदान को याद किया और मैथिली भाषा एवं संस्कृति के संवर्धन की आवश्यकता पर जोर दिया।
इस आयोजन में स्मारक के विकास और सरकार से लंबित भुगतान को लेकर महत्वपूर्ण फैसले लिए गए।