अंबेडकरनगर समग्र शिक्षा अभियान के तहत बेसिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत कक्षा एक से 12वीं तक के विद्यार्थियों की ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री (अपार) आईडी में दुश्वारियां खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं।
आधार में आ रही कमियों के चलते अभी लक्ष्य के मुकाबले 50 प्रतिशत ही आईडी बमुश्किल बन पाई है। बुधवार तक शत-प्रतिशत आईडी बनाए जाने का लक्ष्य रखा गया है लेकिन अभी यह कोसों दूर नजर आ रहा है।
शासन ने अपार आईडी बनाने के लिए पांच फरवरी तक का समय निर्धारित किया है। कक्षा एक से 12 तक निजी शिक्षण संस्थान, राजकीय शिक्षण संस्थान, वित्तविहीन शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले सभी छात्रों की अपार आईडी अनिवार्य की गई है। इसमें 12 अंक का एक नंबर दिया जाता है जिसमें छात्र की पूरी जानकारी एक क्लिक पर मिल सकेगी। योजना का मुख्य उद्देश्य छात्रों के शैक्षिक दस्तावेजों में पारदर्शिता लाना और दस्तावेजों के सुरक्षित डिजिटलीकरण को सुनिश्चित करना है।
तमाम निर्देशों और कार्रवाई की चेतावनी के बाद भी अब तक लक्ष्य 5,01,934 के मुकाबले 2,55,821 ही अपरा आईडी बन पाई है। अपार आईडी बनाने में विद्यार्थियों के यू डायस, आधार कार्ड व विद्यालय का एसआर रजिस्टर पर उपलब्ध डेटा मिलान न होने के कारण बाधा आ रही है। करीब 300 निजी विद्यालयों की ओर से भी इसमें कोई खास रुचि नहीं दिखाई जा रही है। ऐसे में महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा के निर्देशानुसार तय समय पर लक्ष्य पूरा नहीं हो पा रहा है। मंगलवार को करीब आठ हजार अपार आईडी बनाई गई हैं। बीएसए भोलेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि अपार आईडी बनाए जाने के लिए सभी की जिम्मेदारी तय की गई है। लापरवाही बरतने वाले स्कूलों को नोटिस जारी किया जाएगा।