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काशी में महाकुंभ का पलट प्रवाह होने के बाद से ही पूरा शहर हाउसफुल है। इधर, माघ पूर्णिमा पर काशी में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। भीड़ के चलते कैंट स्टेशन से चार स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं।

माघ पूर्णिमा: वाराणसी कैंट स्टेशन यात्रियों से ठसाठस, भीड़ बढ़ने पर चली चार स्पेशल ट्रेन; इस रूट की गाड़ी फुल

माघ पूर्णिमा: वाराणसी कैंट स्टेशन यात्रियों से ठसाठस, भीड़ बढ़ने पर चली चार स्पेशल ट्रेन; इस रूट की गाड़ी फुल

चन्दौली काशी में महाकुंभ का पलट प्रवाह होने के बाद से ही पूरा शहर हाउसफुल है। इधर, माघ पूर्णिमा पर काशी में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। भीड़ के चलते कैंट स्टेशन से चार स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं। महाकुंभ पलट प्रवाह और माघ पूर्णिमा की भीड़ से बुधवार को कैंट स्टेशन पटा रहा। प्रयागराज रूट की ट्रेनें ठसाठस रही। वहीं, भीड़ प्रबंधन के तहत कैंट स्टेशन पर दबाव बढ़ने पर विभिन्न रूटों पर चार स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं। रेल अधिकारियों के अनुसार कैंट स्टेशन पर अपराह्न 3.55 पर कुंभ स्पेशल को रवाना किया गया। दूसरी लगभग साढ़े छह बजे बिहार के लिए स्पेशल ट्रेन चलाई गई। शाम साढ़े सात बजे तीसरी स्पेशल औड़िहार और चौथी स्पेशल ट्रेन अयोध्या के लिए साढ़े आठ बजे चली। उधर, स्टेशन के दोनों इंट्री के होल्डिंग एरिया, यात्री हाल, प्लेटफार्मों और सर्कुलेटिंग एरिया में भीड़ उमड़ी रही।प्रयागराज रूट पर स्पेशल ट्रेनों की व्यस्तता के चलते नियमित ट्रेनों की चाल प्रभावित है। बुधवार को नई दिल्ली जयनगर स्वतंत्रता सेनानी 10 घंटे, विशाखापत्तनम गोरखपुर कुंभ मेला स्पेशल सात घंटे, योगनगरी ऋषिकेश हावड़ा दून एक्सप्रेस तीन घंटे, बरकाकाना वाराणसी मेमू तीन घंटे, गोरखपुर झूंसी कुम्भ मेला स्पेशल छह घंटे, गोंदिया बरौनी साढ़े तीन घंटे, लखनऊ वाराणसी स्पेशल चार घंटे की देरी से पहुंची। वहीं, नई दिल्ली वाराणसी वंदे भारत दो घंटे, ग्वालियर बनारस बुंदेलखंड एक्सप्रेस आठ घंटे, प्रयागराज रामबाग हावड़ा विभूति एक्सप्रेस तीन घंटे रिशेड्यूल, बनारस ग्वालियर बुंदेलखंड चार घंटे रिशेड्यूल होकर गई।महाकुंभ पलट प्रवाह को लेकर प्रयागराज-वाराणसी हाईवे के आउटरों पर गाड़ियों को रोका गया। माघ पूर्णिमा को देखते हुए शहर के चारों दिशाओं की सीमाओं पर बाहरी वाहनों की इंट्री प्रतिबंधित होने से शहर में बुधवार को जाम जैसे हालात नहीं रहे। अन्य दिनों की अपेक्षा राहगीरों को सुगम यातायात का अनुभव मिला। वहीं, गंगा घाटों की ओर जाने वाले मार्गों पर नो व्हीकल जोन होने से श्रद्धालुओं को राहत हुई। उधर, कैंट स्टेशन और रोडवेज बस स्टेशन से शहर के अन्य हिस्सों में जाने वाले यात्रियों को ऑटो, ई-रिक्शा समय से नहीं मिला। कैब टैक्सी का किराया भी अधिक रहा। देर शाम हाईवे के आउटरों पर वाहनों की लंबी कतार रही।

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