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रामगढ़वा “आदर्श थाना” के जगह नक्सल थाना

पूर्वी चंपारण जिला के रामगढ़वा थाना के नए भवन पर लिखे गए नाम को लेकर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि जिस थाना क्षेत्र में आजतक एक भी नक्सली घटना नहीं हुई है, उस थाना के नए भवन बनने के बाद उस पर ‘नक्सल थाना रामगढ़वा’ लिख दिया गया है। हालांकि मामला गरमाने के बाद एसपी ने संज्ञान लिया है,

रामगढ़वा थाना क्षेत्र सीमाई इलाकों के थाना रक्सौल से सटा हुआ है और एनएच किनारे पुराने जर्जर भवन में थाना संचालित हो रहा था, जहां मूलभूत सुविधाओं का काफी अभाव था। काफी प्रयास के बाद रामगढ़वा के प्रखंड परिसर के पास थाने के नए भवन के निर्माण का रास्ता साफ हुआ और बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम को थाना भवन बनाने की जिम्मेवारी मिली।
आधुनिक सुविधाओं से लैस नया थाना भवन बनकर तैयार हुआ, भवन पर थाने का नाम जब लिखा गया तो लोग हैरत में पड़ गए, क्योंकि थाना भवन पर ‘नक्सल थाना रामगढ़वा’ लिखा गया। लोगों के बीच यह चर्चा छिड़ गई कि जहां कोई नक्सली वारदात नहीं हुई है, उसे नक्सल थाना घोषित करने का क्या औचित्य है?
हालांकि मामला सामने आने के बाद मोतिहारी एसपी स्वर्ण प्रभात ने नए थाना भवन से ‘नक्सल’ शब्द हटाने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि शायद ठेकेदार की ओर से नाम लिखवाने में गलती हुई है, लिहाजा उसको ठीक करने को कहा गया है। बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम द्वारा रामगढ़वा थाना भवन का निर्माण किया जा रहा है, शायद निर्माण कार्य में लगे संवेदक के पेंटर से थाना भवन पर लिखने में गलती हुई है, इसमें सुधार करने का निर्देश दे दिया गया है
आपको बताएं कि 1972 में आदापुर थाने से अलग होकर रामगढ़वा थाना अस्तित्व में आया था, हालांकि अपना भवन नहीं होने के कारण थाना का संचालन एनएच-28 A के पास में पुराने जर्जर भवन से हो रहा था। कुछ साल पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भवन का शिलान्यास किया था, थाना निर्माण होने के बाद से कभी भी इस थाना क्षेत्र में कोई नक्सली घटना नहीं हुई है, हालांकि जिले के कुछ थाना क्षेत्र नक्सल प्रभावित जरूर रहे हैं और कई बड़ी नक्सली घटनाए भी हुई थी, जिस कारण सीआरपीएफ की एक कम्पनी का बेस कैम्प भी यहां स्थापित किया गया था लेकिन रामगढ़वा थाना क्षेत्र में कभी भी नक्सली वारदात नहीं हुई है।

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