
यूपी में आयुष्मान योजना को लेकर बदले नियम, अस्पतालों की मनमानी पर लगेगी रोक
आयुष्मान भारत योजना एक सरकारी स्वास्थ्य योजना है जो लोगों को मुफ्त इलाज प्रदान करती है। इस योजना के तहत यदि आप आवेदन करते हैं, तो आपको एक आयुष्मान कार्ड मिलता है, जिसके माध्यम से आप 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज करवा सकते हैं, यह कवर हर साल उपलब्ध होता है, हाल ही में इस योजना में एक महत्वपूर्ण बदलाव हुआ है। हाल ही में हुई कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया गया है।
आयुष्मान योजना को लेकर बदले नियम
जब सरकार कोई योजना शुरू करती है, तो साथ ही उसकी पात्रता संबंधी जानकारी भी प्रदान करती है, आयुष्मान भारत योजना के तहत एक ही परिवार के कितने लोगों का कार्ड बन सकता है, इस पर कोई सीमा नहीं है, इसका मतलब है कि एक परिवार के जितने भी लोग चाहें, आयुष्मान कार्ड बनवा सकते हैं, बशर्ते सभी सदस्य योजना के पात्र हों। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सोमवार को विधानसभा में आयुष्मान योजना को लेकर पूछे गए प्रश्न पर कहा कि हम नौ हजार करोड़ रुपये का निःशुल्क इलाज इस योजना के माध्यम से मरीजों को दे चुके हैं। हमने 350 करोड़ रुपये के फर्जी बिलों को रोका है। पूरी पारदर्शिता के साथ हम आयुष्मान योजना में मरीजों को इलाज दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 5854 प्राइवेट हास्पिटल भी आयुष्मान योजना में संबद्ध हैं। जैसे-जैसे निजी क्षेत्र के अस्पतालों के आवेदन प्राप्त होते हैं, उनका परीक्षण कराकर उन्हें संबद्ध कर लिया जाता है। वर्ष 2018-19 में केवल 1322 प्राइवेट हास्पिटल ही इस योजना से जुड़े थे। आयुष्मान भारत योजना का लाभ वे लोग उठा सकते हैं जो ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं, निराश्रित हैं, आदिवासी अनुसूचित जाति या जनजाति के दिव्यांग हैं, या असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं या दिहाड़ी मजदूरी करते हैं, आप अपनी पात्रता की जानकारी ऑनलाइन भी प्राप्त कर सकते हैं। सपा सदस्य डा. आरके वर्मा व मनोज कुमार पारस ने आयुष्मान योजना को लेकर सवाल पूछे थे। उन्होंने यह भी कहा था कि कई अस्पतालों का भुगतान नहीं हो रहा है। हास्पिटल यदि इलाज का कोई इस्टीमेट बनाकर देता है तो उसे सीएमओ काट देते हैं। इसे भी दिखवाया जाना चाहिए। इसके जवाब में ब्रजेश पाठक ने कहा कि पहले यह बताना चाहिए कि क्या डा. वर्मा अपने अस्पताल के विषय में सवाल पूछ रहे हैं। आप टोल फ्री नंबर 14555 पर कॉल करके भी अपनी पात्रता जांच सकते हैं। यदि आप पात्र हैं, तो नजदीकी सीएससी सेंटर पर जाकर आवेदन कर सकते हैं, आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज में आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, और एक सक्रिय मोबाइल नंबर शामिल हैं।
कैसे अस्पतालों की मनमानी पर लगाई गई रोक
सदन में अपने व्यवसाय के विषय में सवाल पूछने में आपको जानकारी देनी चाहिए। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह भी दिखवाया जाना चाहिए हास्पिटल गलत इस्टीमेट दे रहे हैं या सीएमओ गलत काट रहे हैं। इसमें को भी गलत हों उन पर कार्रवाई की जाए। पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने सपा सदस्य अनिल प्रधान के प्रश्न के उत्तर में कहा कि विपक्ष को केवल बुरा देखने, बुरा बोलने व बुरा सुनने की आदत हो गई है। निराश्रित गोवंश के लिए पहले 30 रुपये प्रतिदिन दिया जा रहा था, उसे बढ़ाकर अब 50 रुपये प्रतिदिन कर दिया गया है। बेसहारा पशुओं के कारण यदि कोई दुर्घटना हो जाती है और उसमें किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है तो उनके परिवार को चार लाख रुपये मुआवजा राजस्व विभाग की ओर से दिया जा रहा है। दुर्घटनाएं रोकने के लिए निराश्रित गोवंश के गले में रेडियम का पट्टा भी लगाया जा रहा है ताकि रात में दूर से दिखाई दे सके। महिला एवं बाल विकास मंत्री बेबी रानी मौर्य ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय फिलहाल नहीं बढ़ाया जाएगा और न ही इस मुद्दे पर अभी कोई विचार हो रहा है। सपा सदस्य त्रिभुवन दत्त व बृजेश कठेरिया ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के कार्यों का जिक्र करते हुए कहा कि अन्य राज्यों की तुलना में प्रदेश में मानदेय बेहद कम है। वेतन बढ़ाने व पेंशन की सुविधा दिए जाने को लेकर भी प्रश्न पूछा। इस पर मंत्री ने कोई जवाब नहीं दिया।