
सिद्धार्थनगर में चैत्र नवरात्र का पर्व उत्साह से शुरू हो गया है। पहले दिन रविवार को वट वासिनी स्थान गालापुर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। महिलाएं, पुरुष और बच्चों ने मां की पूजा-अर्चना की। मंदिर में मां के जयघोष से वातावरण भक्तिमय हो गया।
गालापुर स्थित यह मंदिर पूर्वांचल के सबसे पुराने शक्तिपीठों में से एक है। यह दूर-दराज के क्षेत्रों से आने वाले श्रद्धालुओंके लिए आस्था का केंद्र है। मान्यता है कि यहां सच्ची श्रद्धा से की गई प्रार्थना अवश्य पूरी होती है। मंदिर के पुजारी पंडित प्रशांत मिश्र के अनुसार, कलहंस वंश के राजा केसरी सिंह ने गोंडा के खोरहंस जंगल से माता का आह्वान कर यहां मंदिर की स्थापना करवाई थी।
महाकाली का यह स्थान आबादी से दूर होने के बावजूद शांति से भरपूर है। यहां विशाल मदार का वट वृक्ष है, जिस पर लताएं लटकती हैं। स्थान की पहचान छोटी-बड़ी घंटियां और मनौती के धागे हैं। नवरात्र में देश के साथ-साथ नेपाल और अन्य विदेशों से भी श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।
पहले दिन सुबह से ही देवी स्थान पर भक्तों का तांता लगा रहा। भजन-कीर्तन के साथ पूजा-अर्चना का क्रम चलता रहा। मंदिर के पुजारी ने बताया कि पूरे नवरात्र इसी तरह भक्तों की भीड़ रहेगी। इस अवसर पर पूर्व विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
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