
समीर वानखेड़े:
महाराष्ट्र में संचालित अंग्रेजी माध्यम के कॉन्वेंट स्कूल, राज्य के शिक्षा कानूनों का पालन किए बिना शिक्षण संस्थान मालिकों द्वारा मनमाने ढंग से चलाए जा रहे हैं और इन स्कूलों में करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार हो रहा है। स्कूल संचालक विद्यार्थियों के अभिभावकों से मोटा चंदा लेकर, मनमाने तरीके से अपने-अपने स्कूलों में निजी प्रकाशनों की पुस्तकें बेचकर तथा शिक्षकों को नियमानुसार वेतन देने के बजाय उन्हें अल्प वेतन देकर करोड़ों रुपए कमा रहे हैं। इस सारे भ्रष्टाचार को शिक्षा विभाग में बैठे उच्च पदस्थ अधिकारियों और शिक्षा अधिकारियों का आशीर्वाद प्राप्त है, जो इस स्कूल के माध्यम से लाखों रुपए कमा रहे हैं। राज्य को ऐसे शैक्षिक भ्रष्टाचार की जांच के लिए एसआईटी का गठन करना चाहिए, करोड़ों रुपये के इस शैक्षिक घोटाले को जनता के सामने उजागर करना चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
अभी महाराष्ट्र राज्य अध्यापक परिषद के माध्यम से पूर्व शिक्षक विधायक नागोजी गाणार ने अनुदानित स्कूलों में फर्जी शिक्षक भर्ती के 500 करोड़ रुपये के घोटाले का पर्दाफाश किया और शिक्षा उपसंचालक तथा शिक्षा अधिकारी के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की।
इसी तरह, महाराष्ट्र राज्य अध्यापक परिषद के कॉन्वेंट अनुभाग के अध्यक्ष विवेक आंबेकर ने सरकार से इस कॉन्वेंट स्कूल में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर करने और राज्य में शिक्षा व्यवस्था को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने की अपील की है।