
वरिष्ठ समाजसेवी पत्रकार अमित कुमार सिंह तोमर ने कहा कि बार-बार चुनाव होना देश के लिए एक बड़ी समस्या
वरिष्ठ समाजसेवी पत्रकार अमित कुमार सिंह तोमर एडवोकेट ने मंगलवार को कहा कि बार-बार चुनाव होना देश के लिए एक बड़ी समस्या, एक बड़ा मुद्दा है और विगत कई दशकों से भारत में एक भी साल ऐसा नहीं गया जब चुनाव न हुआ हो। श्री तोमर ने मंगलवार को “एक राष्ट्र-एक चुनाव” पर कहे।
उन्होंने कहा “बार-बार चुनाव होना देश के लिए एक बड़ी समस्या ही नहीं वर्तमान समय में एक बड़ा मुद्दा भी है। विगत 30 वर्षों में भारत में एक भी वर्ष ऐसा नहीं हुआ जब चुनाव न हुआ हो। यानी लगातार 30 वर्षों से भारत में कहीं ना कहीं चुनाव होते रहते हैं।” भारतीय नागरिकों को प्रेरित करते हुए उन्होंने कहा कि “जब भी देश में कहीं कोई नया परिवर्तन होता है तो उसमें छात्रों एवं युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।”
वरिष्ठ समाजसेवी अमित कुमार सिंह तोमर पत्रकार ने कहा कि “देश और दुनिया के इतिहास को देखें तो हमेशा परिवर्तन की शुरुआत युवाओं और छात्रों ने ही की है। मेरा मानना है कि भविष्य में देश की राजनीति बदलेगी और उसकी भी शुरुआत आने वाले दिनों में युवा और छात्र ही करने वाले हैं।” उन्होंने कहा कि “एक राष्ट्र – एक चुनाव” की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि देश की आजादी के बाद भारत ने लोकतंत्र को अपनाया और जहां लोकतंत्र है वहां चुनाव एक अनिवार्य हिस्सा है। ‘‘लोकतंत्र है तो चुनाव होगा।” अगर निष्पक्ष चुनाव नहीं होंगे तो देश में लंबे समय तक लोकतंत्र नहीं चल सकता। उन्होंने कहा “लोकतंत्र के साथ चुनाव अनिवार्य है और चुनाव निष्पक्ष और स्वतंत्र तरीके से हो, यह भी उसके लिए आवश्यक है। लेकिन आजादी के बाद से अब तक लगातार एक के बाद एक चुनाव कराते रहना एक बहुत बड़ी चुनौती बन गया है।” उन्होंने कहा कि देश के पहले आम चुनाव में 17 करोड़ 32 लाख मतदाता थे, लेकिन 2024 में जो चुनाव हुआ उसमें 96 करोड़ से ज्यादा मतदाता हो गए। उन्होंने कहा “बढ़ती हुई आबादी, बदलती हुई दुनिया, देश के 140 करोड़ लोगों की जनआकांक्षाएं… इन सबको ध्यान में रखकर देश में समय-समय पर बहुत सारे बदलाव हुए। खुशी की बात है कि बदलाव के क्रम में इस देश में फिर से (एक राष्ट्र-एक चुनाव की) चर्चा शुरू हुई है। देश में एक नई बहस शुरू हुई है कि क्या एक साथ सभी चुनाव करा कर समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।” श्री तोमर ने कहा कि दुनिया बदल रही है तो हम पुरानी व्यवस्था से नहीं चल सकते। उन्होंने कहा कि बदलती दुनिया और देश की आवश्यकता के अनुसार समय-समय पर कानून में भी बदलाव हुए। उन्होंने कहा कि हमने देश की आवश्यकता के अनुसार शिक्षा की व्यवस्था को बदला है, चुनाव की व्यवस्था को बदला है। उन्होंने कहा “आज से कुछ साल पहले वाले मतपत्र से मतदान होता था लेकिन अब ईवीएम है। 18 वर्ष के युवा को मताधिकार का अधिकार मिल गया। इसलिए दुनिया की चुनौतियों के अनुरूप बदलाव जरूरी है। भारत माता की जय।
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