
मुजफ्फरनगर: GIC मैदान में किसानों की आपातकालीन महापंचायत शुरू, नरेश टिकैत और हरेंद्र मलिक की मौजूदगी में बड़ा फैसला संभव
✍️ रिपोर्ट: एलिक सिंह, वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज़
मुजफ्फरनगर – किसानों के मुद्दों को लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश एक बार फिर आंदोलन की आग में तप रहा है। जिले के जीआईसी मैदान में रविवार को किसानों की आपातकालीन महापंचायत का आयोजन हुआ, जिसमें देशभर से हजारों किसान पहुंचे।
इस ऐतिहासिक सभा की अध्यक्षता भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने की, वहीं मंच पर समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद हरेंद्र मलिक भी मौजूद रहे। किसान संगठन इस महापंचायत के माध्यम से सरकार को चेतावनी देने और आगे की रणनीति तय करने की तैयारी में हैं।
🚨 प्रशासन अलर्ट, भारी पुलिस बल तैनात
महापंचायत को लेकर पुलिस प्रशासन भी अलर्ट मोड पर रहा। जीआईसी मैदान और आस-पास के इलाकों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए RAF और PAC की तैनाती भी की गई है।
🚜 किसानों की मुख्य मांगें
इस महापंचायत में किसानों ने कई अहम मुद्दों को उठाया:
एमएसपी पर कानून बनाने की मांग
बिजली दरों में वृद्धि पर रोक
गन्ना भुगतान की गारंटी और समयबद्ध भुगतान
भूमि अधिग्रहण मामलों में उचित मुआवजा और पुनर्वास
किसान विरोधी नीतियों का विरोध
नरेश टिकैत ने कहा,
“सरकार किसानों की आवाज को बार-बार अनसुना कर रही है। अब यदि मांगें नहीं मानी गईं तो देशव्यापी आंदोलन की रणनीति बनेगी।”
🌾 देशभर से पहुंचे किसान
उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और उत्तराखंड सहित अलग-अलग राज्यों से बड़ी संख्या में किसान जीआईसी मैदान पहुंचे हैं।
किसानों के काफिलों का आना सुबह से ही जारी रहा। मुजफ्फरनगर का यह मैदान फिर से किसान आंदोलनों के केंद्र में लौट आया है।
🏛️ राजनीतिक समीकरण भी गर्म
सपा सांसद हरेंद्र मलिक ने कहा:
“किसानों की अनदेखी करने वाली सरकार को सबक सिखाना होगा। अब सड़कों पर उतर कर अधिकार लिया जाएगा।”
उनकी मौजूदगी ने इस महापंचायत को राजनीतिक रंग भी दे दिया है, जिससे आगामी चुनावों में इसका असर पड़ना तय माना जा रहा है।
📜 महापंचायत के बाद बड़ा ऐलान संभव
महापंचायत के समापन के बाद किसान नेता कोई बड़ा ऐलान कर सकते हैं, जिसमें सड़क जाम, दिल्ली कूच या लंबा आंदोलन शामिल हो सकता है।
सूत्रों के अनुसार, यदि केंद्र सरकार द्वारा एमएसपी कानून और गन्ना भुगतान पर ठोस भरोसा नहीं दिया गया, तो आंदोलन तेज किया जाएगा।
📌 निष्कर्ष:
मुजफ्फरनगर में हो रही यह महापंचायत किसानों की ताकत और सरकार के प्रति नाराजगी को दर्शाती है।
यह न केवल कृषि नीति पर सरकार की परीक्षा है, बल्कि आने वाले राजनीतिक हालातों का संकेत भी है।
क्या सरकार किसानों की इस चेतावनी को गंभीरता से लेगी या एक नया आंदोलन फिर दस्तक देगा?
📰 वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज़
📍 रिपोर्टर – एलिक सिंह (संपादक व जिला प्रभारी, BJAC)
📞 संपर्क: 8217554083