

वंदे भारत न्यूज सुसनेर: हाथी दरवाज़ा स्थित नगर की प्रमुख सब्ज़ी मंडी में बनी पुलिस सहायता चौकी आज अपनी मूल भूमिका को खो चुकी है। चित्र में स्पष्ट देखा जा सकता है कि इस चौकी का उपयोग अब सब्ज़ी व्यापारियों द्वारा सब्जी भंडार के रूप में किया जा रहा है। भीतर सब्ज़ियों की टोकरियाँ और बाहर रखे बोरों से साफ़ झलकता है कि चौकी अब पुलिस के बजाय व्यापारियों के काम में आ रही है। चौकी पर लगा नाम पट्ट आज भी दर्शाता है कि यह स्थान थाना प्रभारी के निर्देश पर पुलिस सहायता केंद्र के रूप में कार्यरत होना चाहिए था। परंतु वास्तविकता इसके विपरीत है। चौकी के भीतर जालियां फटी हुई हैं और साफ-सफाई का भी अभाव है।वही दोपहर के समय चौकी के तीनो ओर दिन के समय बड़ी संख्या में फल-सब्ज़ी के ठेले सजे होते हैं। जिससे न केवल चौकी ढक जाती है बल्कि वहां की सुरक्षा व्यवस्था भी पूरी तरह चरमरा गई है। स्थानीय व्यापारी मोहन कानुडिया, आशीष मोदानी बताते हैं कि पुलिस की अनुपस्थिति में वे चौकी को भंडारण स्थल की तरह उपयोग करने लगे हैं। वहीं नागरिकों का कहना है कि मंडी में आए दिन छोटे-बड़े विवाद होते रहते हैं। लेकिन पुलिस की गैरमौजूदगी के चलते समय पर समाधान नहीं हो पाता।भीड़भाड़ के चलते राहगीरों और खरीदारों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। चौकी के आसपास सब्जी फल ठेले वालों की संख्या इतनी होती है कि सड़क तक जाम हो जाती है। नगरवासियों और व्यापारियों ने प्रशासन से मांग की है कि पुलिस चौकी को पुनः क्रियाशील किया जाए। यहां नियमित पुलिस बल की तैनाती की जाए और मंडी क्षेत्र में फल ठेले वालों के लिए वैकल्पिक स्थान निर्धारित कर यातायात और सुरक्षा व्यवस्था बहाल की जाए। स्थानीय लोगों ने यह भी बताया कि पुलिस सहायता चौकी पर आज भी उस थाना प्रभारी का नाम अंकित है। जिनका स्थानांतरण हुए काफी समय बीत चुका है। इससे यह स्पष्ट होता है कि न केवल चौकी निष्क्रिय है बल्कि प्रशासनिक स्तर पर इसका कोई अद्यतन निरीक्षण या रख-रखाव भी नहीं किया जा रहा है। चौकी पर पुरानी जानकारी आज भी बनी हुई है। जो न केवल लापरवाही को दर्शाती है। बल्कि आमजन में यह संदेश देती है कि यह पुलिस चौकी केवल नाम की ही रह गई है।
चौकी के पास फल फ्रूट का ठेला लगाते फल विक्रेता