
गुना। देवर्षि नारद जयंती के अवसर पर गुरुवार को स्व. नाथूलाल मंत्री जनकल्याण न्यास द्वारा वर्तमान परिवेश में पत्रकारों की भूमिका एवं चुनौतियां विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया। इस संगोष्ठी में वक्ताओं ने पत्रकारिता क्षेत्र की जटिलताओं पर चर्चा की और अपनी ओर से समाधान भी प्रस्तुत किए।
गुना के निजी होटल में आयोजित संगोष्ठी में क्रांतिकारी तात्या टोपे विश्वविद्यालय के कुलगुरु डॉ. किशन यादव बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे। जबकि न्यास की ओर से ओज कवि और अखिल भारतीय साहित्य परिषद के प्रांत महामंत्री आशुतोष शर्मा को मुख्य वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया था। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्व. नाथूलाल मंत्री जनकल्याण न्यास के अध्यक्ष अशोक सिंह कुशवाह ने की। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने माना कि संसाधनों में बढ़ोत्तरी के बावजूद पत्रकारों को मैदानी स्तर पर चुनौतियां झेलना पड़ रही हैं। इसके बावजूद देश के पत्रकार अपनी संघर्ष क्षमता की बल पर समाज को खबरों के माध्यम से आइना दिखाने और मार्गदर्शन करने जैसे दायित्व बखूबी निभा रहे हैं। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुलगुरु डॉ. किशन यादव ने क्रांतिकारी तात्या टोपे विश्वविद्यालय गुना में महर्षि नारदजी पत्रकारिता संस्थान स्थापित करने का सुझाव दिया, जिसे सभी ने सहर्ष स्वीकार और प्रक्रिया शुरु करवाने पर सहमति जताई। कुलगुरु ने मीडिया को लोकतंत्र के तीन स्तम्भों पर निगरानी रखने वाली संस्था बताया। उन्होंने माना कि यथार्थ को उजागर करने के समय पत्रकारों को चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसके बावजूद पत्रकार अपने दायित्वों और जिम्मेदारियों के प्रति सजग और जागरुक हैं। कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार जे.एन. आचार्य, नुरुल हसन नूर, महावीर सिंह तोमर सहित अधिकांश मीडिया संस्थानों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।