

भिलाई। लगभग 22 वर्षों पहले 90 के दशक में दुर्ग जिले में चलाए गए सम्पूर्ण साक्षरता अभियान एवं उत्तर साक्षरता अभियान से जुडे़ लोग “साक्षरता मित्र मंच” के बैनर तले होटल समायरा इन, प्रगति नगर रिसाली के सभागार में आयोजित “साक्षरता मित्र पुनर्मिलन समारोह” में बड़ी संख्या में जुटे और अपने पुराने दिनों को याद किया। लगभग 22 वर्षों बाद मिले सभी साक्षरता मित्रों में जबरदस्त उत्साह एवं खुशी देखने को मिली। साक्षरता अभियान के तात्कालीन जिला निर्देशक डॉ. डी. एन. शर्मा विशेष रूप से उपस्थित थे। उनके साथ तात्कालीन परियोजना संयोजक घनश्याम कुमार देवांगन, प्रशांत पांडेय, शमशाद बेगम, शिवराज शुक्ला, पवित्रा शर्मा, एम. पी. शुक्ला, एस. एस. परिहार आदि सहित जिला साक्षरता समिति के पदाधिकारी, रिसोर्स पर्सन, मास्टर ट्रेनर, कला जत्था कलाकार, साहित्यकार आदि बड़ी संख्या में उपस्थित हुए।

समारोह में दुर्ग जिले के तात्कालीन साक्षरता अभियान में विशिष्ट योगदान देने वाले डॉ डी.एन. शर्मा, पद्मश्री शमशाद बेगम, पद्मश्री डोमार सिंह, डाॅ. चुन्नी लाल शर्मा, राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त रामकुमार वर्मा, प्रसिद्ध पपेट कलाकार विभाष उपाध्याय एवं अनिता उपाध्याय का शॉल, श्रीफल एवं पौधा भेंटकर सम्मान किया गया। साक्षरता मित्र मिलन समारोह में विविध रंग भरते हुए शिवराज शुक्ला, विवेक अग्रवाल, दिनेश टांक लकी, शमशाद बेगम, डोमार सिंह, डाॅ चुन्नी लाल शर्मा, प्रशांत पाण्डेय आदि ने साक्षरता अभियान के समय गाए जाने वाले लोकप्रिय गीतों को प्रस्तुत कर समां बांधा। कवि शरद कोकास ने अपनी लोकप्रिय रचना का सस्वर पाठ किया। प्रसिद्ध पपेट कलाकार विभाष उपाध्याय एवं अनिता उपाध्याय ने महिला सशक्तिकरण पर नृत्य नाटिका प्रस्तुत कर खूब वाहवाही बटोरी। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं अतिथियों के स्वागत से हुआ।

अपने उद्बोधन में डाॅ डी. एन. शर्मा ने दुर्ग जिला में 90 के दशक में चलाए गए अनूठे साक्षरता अभियान की जबरदस्त सफलता के लिए अभियान से जुड़े सभी परियोजना संयोजकों, रिसोर्स पर्सन, मास्टर ट्रेनर, अक्षर सैनिक सहित अभियान में सक्रिय योगदान देने वाले कलाकारों, साहित्यकारों एवं समस्त स्वयं सेवकों के उल्लेखनीय योगदान को याद किया एवं उन्हें सराहा।
परियोजना संयोजक घनश्याम कुमार देवांगन ने वर्तमान परिपेक्ष्य में साक्षरता के कर्मठ स्वयंसेवक समाज सेवा में क्या और कैसे योगदान दे सकते हैं, विषय पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति जहां पर रहता है, वह वहीं पर ही परिस्थितियों के अनुसार समाज में व्याप्त कुरीतियों एवं अंधश्रद्धा के खिलाफ जनजागरण, बच्चों एवं युवाओं में अच्छे संस्कार डालने, समाज की प्रतिभाओं को सामने लाने, सामाजिक समरसता कायम करने आदि समाज सेवा का कोई भी कार्य कर सकता है। इसमें उम्र कोई बाधा नहीं बनती। डॉ चुन्नी लाल शर्मा ने दुर्ग जिले के साक्षरता अभियान की सफलता के लिए जिला साक्षरता समिति एवं सभी समर्पित कार्यकर्ताओं की सराहना की और अपने अनुभव शेयर किए। समारोह में शामिल सभी लोगों को बारी- बारी से अपना परिचय देते हुए विचार व्यक्त करने का अवसर दिया गया। सभी ने अपने पुराने दिनों को याद करते हुए अपने अनुभव शेयर किए और पुनर्मिलन कार्यक्रम के आयोजन की भरपूर सराहना की।

दुर्ग जिला के तात्कालीन साक्षरता अभियान में योगदान देने वाले एवं वर्तमान में इंदौर में निवासरत अनुपा ने इंदौर से एवं डॉ. चुन्नी लाल शर्मा, प्रशांत पांडेय ने रायपुर से तथा दुर्ग जिला के सभी विकास खंडों से लोगों ने बड़ी संख्या में उपस्थित होकर मिलन समारोह की सार्थकता सिद्ध की। सभी की खुशियां एवं उत्साह देखते ही बनता था।
आयोजन को सफल बनाने में रत्ना साहू की अगुवाई में दिनेश सिंह, ओ. पी. वर्मा, एस. एस. परिहार, त्रिलोक सिंह, दिनेश मिश्रा आदि का सराहनीय योगदान रहा। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार एवं संपादक यशवंत धोटे, डाॅ. शैल वर्मा, सरोज सिंह, शरद कोकास, टिकेश्वरी देशमुख, विवेक अग्रवाल, रेखा दुबे, रविन्द्र शर्मा, रीता चतुर्वेदी, रेहाना सितारा, ममता यादव, चन्द्रपाल हरमुख , रत्ना नारमदेव, प्रेमलता मढ़रिया, गीतारानी सरकार आदि की विशेष उपस्थिति रही। समारोह में शामिल सभी लोगों को यादगार स्वरूप त्वरित रूप से तैयार ग्रुप फोटो ग्राफ्स की फ्रेमिंग एवं उपहार भेंट किया गया। साक्षरता मित्र मंच की सक्रियता एवं कार्यक्रमों की निरंतरता बनाए रखने के लिए डॉ. डी. एन. शर्मा को सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना गया। अगली बैठक 20 जुलाई को निर्धारित की गई है। कार्यक्रम के अंत में दिवंगत हो चुके अनेक साक्षरता सेवियों के योगदान का स्मरण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। सभी ने पुनः मिलने का संकल्प लेकर विदा लिया। कार्यक्रम का सफल संचालन एवं आभार प्रदर्शन रत्ना साहू ने किया।
