
डीडवाना-कुचामन जिले में बारिश के मौसम के मध्यनजर मच्छरों व मच्छरजनित बीमारियों की रोकथाम के लिए जिला कलक्टर डॉ.महेंद्र खड़गावत की अगुवाई में जिले में पहली बार एंटी लार्वा एक्टिविटी के लिए नये तरीके को आजमाया गया ।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ नरेंद्र चौधरी ने बताया कि एंटी लार्वा एक्टिविटी के लिए नये तरीके के तहत सूती कपड़े में लकड़ी के बुरादे की पोटली बनाकर उनको बर्न ऑयल में 12 घंटे तक भिगोया गया इसके बाद जिला कलक्टर डॉ खड़गावत की अगुवाई में शीतल कुंड के सामने एकत्रित गंदे पानी में उन बॉल को फेंका गया।
उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया में पूरे तालाब में ऑयल की परत बन जायेगी जिससे लार्वा को ऑक्सीजन नहीं मिलने से वो खत्म हो जाते है ।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि पूर्व की तकनीक में बर्न ऑयल को सीधा गंदे पानी में डालते थे पर उस तकनीक में केवल किनारे पर ही परत बनती थी जिससे लार्वा पर प्रभावी रोकथाम नहीं हो पाती थी।
उन्होंने बताया कि इस तकनीक से आयल बॉल को दूर तक फेंका जा सकता है और अगले 7-8 दिन तक धीरे धीरे रिसाव के कारण परत बनती रहती है जिससे लार्वा को ऑक्सीजन नहीं मिलने से वे नष्ट हो जाते हैं और मच्छरों के पैदा होने पर प्रभावी रोकथाम हो पाती हैं।
इस दौरान अतिरिक्त जिला कलक्टर महेंद्र मीणा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नरेंद्र चौधरी, उपमुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जोगेंद्र, बीसीएमओ डॉ. अजीत सहित अन्य संबंधित अधिकारी व कार्मिक मौजूद रहे।