
अजीत मिश्रा (खोजी)
।। बिजली गुल, जनरेटर खराब, टार्च की रोशनी में डॉक्टर कर रहे मरीज का इलाज… बस्ती में इस CHC का ये हाल।।
बस्ती जिले के कप्तानगंज सीएचसी में स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खुल गई। बिजली गुल होने के कारण मरीजों का इलाज मोबाइल की टार्च की रोशनी में किया गया। सड़क हादसे में घायल एक मरीज को अंधेरे में ही मरहम-पट्टी करानी पड़ी।
बस्ती : उत्तर प्रदेश के बस्ती में स्वास्थ्य सेवाओं के दावों की हकीकत देखनी हो तो कप्तानगंज सीएचसी आ जाइए, जहां पर मरीजों का इलाज मोबाइल के टार्च की रोशनी में होता है। कंपाउंडर डॉक्टर को मोबाइल की रोशनी दिखाता है और डॉक्टर मरीज का इलाज करता है। कप्तानगंज सीएचसी अस्पताल घंटों तक अंधेरे में डूबा रहा और मरीज का अंधेरे में इलाज कराना पड़ा। अंधेरे में अगर कोई गलत इंजेक्शन मरीज को लग जाए तो उस की जान पर आफत आ सकती है।
बता दें सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल मरीज को जब कप्तानगंज CHC लाया गया, तो अस्पताल की बत्ती गुल थी मरीज को इलाज के लिए इमरजेंसी वार्ड में ले जाया गया, जहां पर उस का प्राथमिक उपचार किया जा सके। वहां पर बत्ती न होने की वजह से अंधेरा था। अस्पताल के स्टाफ ने इलाज के लिए मोबाइल की लाइट जलाई मोबाइल की लाइट में मरीज की मरहम पट्टी और इलाज किया गया। कप्तानगंज सीएचसी स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर बहुत महत्वपूर्ण है। इस अस्पताल में भारी भीड़ होती है, लेकिन अगर अस्पताल की बत्ती गुल हो जाए और जनरेटर की व्यवस्था न हो और मरीजों का इलाज अंधेरे में करना पड़े तो आप स्वास्थ्य सुविधाओं की बदली आसानी से समझ सकते हैं।
सीएचसी अधीक्षक ने दी जानकारी
इस संबंध में सीएचसी अधीक्षक डॉक्टर अनूप कुमार ने कहा कि लाइट खराब हो गई थी। इनवर्टर बैठ गया था। लेकिन 10 मिनट बाद जनरेटर चला दिया गए थे। वहीं जिस मरीज का अंधेरे में इलाज किया गया उनका कहना है कि आधे घंटे तक अस्पताल की बत्ती गुल रही और मोबाइल की रोशनी में उस का इलाज किया गया।