
वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज रिपोर्ट गाज़ीपुर
गाज़ीपुर। आज़ादी के 77 सालों में रेलवे ने विकास की नई इबारत लिखी है — हजारों सुरंगें, पुल, नई रेल लाइनें और सिंगल लाइन का दोहरीकरण व विद्युतीकरण। लेकिन गाज़ीपुर सिटी और शाहबाजकुली रेलवे स्टेशन के बीच आने वाले ग्रामसभा शक्करपुर के लोगों की एक बुनियादी मांग अब भी अधूरी है — रेलवे अंडर पास का निर्माण।
करीब चार हज़ार की आबादी वाले इस गांव में रेल लाइन बीचोंबीच बिछी है। गांव के एक छोर से दूसरे छोर तक जाने के लिए ग्रामीणों को 5 किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ता है। खेती-किसानी से जुड़े काम हों या बच्चों का स्कूल जाना, ग्रामीणों को रोज़ाना जान जोखिम में डालकर दोहरी रेल लाइन पार करनी पड़ती है।
जागरूक नागरिक दयाशंकर ने जब सूचना का अधिकार (RTI) के तहत अंडर पास से जुड़ी जानकारी मांगी, तो रेलवे का जवाब चौंकाने वाला था — उनके मानचित्र में गांव का प्राथमिक विद्यालय, जूनियर हाईस्कूल और कई सरकारी संस्थान ही दर्शाए नहीं गए थे।
स्थानीय लोग कहते हैं कि यह लापरवाही किसी बड़े हादसे को न्योता दे सकती है। बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे हाट-बाज़ार या बैंक जाने के लिए मजबूरी में पटरियां पार करते हैं।
ग्रामसभा शक्करपुर के लोगों ने अब बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों के साथ जन-जागरूकता बैठक कर रेल प्रशासन से अंडर पास बनाने की मांग तेज कर दी है। ग्रामीणों का कहना है कि अब वे अपने संवैधानिक अधिकारों की लड़ाई सड़क से संसद तक लड़ने को तैयार हैं।