*पैदल यात्रा कर लम्बी दूरी तय करते हुए दो सहतीर्थ यात्री जिनके समर्पण अदम्य साहस का वर्तमान नवीन पीढ़ी को प्रेरणासंदेश*
अयोध्या/अम्बेडकरनगर। पैदल यात्रा पर निकले लम्बी दूरी तय करते हुए दो तीर्थ यात्री का श्रद्धा विश्वास और समर्पण भक्तिभाव को लेकर अद्भुत और अनोखी प्रेरणाप्रद सीख मिलती है यह अदम्य साहस उनके जज्बे को देखकर हर युवा मन प्रभावित हुए बिना अछूता नही रह सकता बातचीत करने पर उन्होंने बताया कि जनपद खारगौन ग्राम जिनियां तहसील जिनियां मध्य प्रदेश का रहने वाला हूँ मेरा नाम सुनील यादव है हमारे बाबाजी ने हम सनातनी हिन्दुओं के आस्था विश्वास का केन्द्र रहा श्रीरामजन्म भूमि मंदिर बनने के बाद पैदल यात्रा तय कर दर्शन करने की सोची थी समय चक्र के प्रभाव से वे स्वर्ग लोक सिधार गये तो मन में सोचा क्यों न इसे हम पूर्ण करें यह सोचकर परिवार में पिताजी के बार_बार मना करने के बाद भी हमने अपने गुरुजी की आज्ञा लेकर यात्रा पर निकल दिए मेरे साथ मेरा भाई रोशन यादव हम दोनों इस समय पैदल यात्रा पर हैं हमने यात्रा शुरू की थी ओमकार जी से ओम्कारेश्वर महाकालेश्वर श्रावणीय से खाटू श्याम जी सालासर से सालासरधाम मेहंदीपुर बालाजी उसके बाद फिर हम आए थे मथुरा गोकुल बरसाना और गोवर्धन वहां से हम अयोध्या के लिए प्रस्थान किया था उसके बाद हम काशी जा रहे हैं काशी हमारा अंतिम लक्ष्य है उसके बाद हम वापस घर को जाएंगे।
आज वर्तमान नवीन पीढ़ी जहां धर्म अध्यात्म पथ पर अग्रसर न होकर नाना प्रकार के भौतिकतावाद के झंझावातों में उलझा हुआ है मस्तिष्क में तरह-तरह के अनर्गल बातों को लेकर चिंताओं से ग्रसित है जीवन में आने वाली विभिन्न प्रकार की विघ्न बाधाओं की समस्याओ से जूझ रहा है मानसिक तनावों से परेशान है ऐसे विषम परिस्थितियों से जकड़ा हुआ मानव अपने कर्मों के फलस्वरूप दीन-हीन का जीवन जीने को विवश हो रहा है मानव जीवन 84लाख योनियों में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है सिर्फ इसीलिए नही उसके पास असीमित अलौकिक दिव्य शक्ति है यदि वह चाहे तो अपने संकल्प शक्ति निरंतर प्रयत्न निष्ठा विश्वास समर्पण लगन के माध्यम से असंभव प्रतीत होने वाले हर कार्य को सहज संभव कर सकता है बस उसमें दृढ़ इच्छा शक्ति जाग्रत करने की जरूरत होती है। बस उन्हीं दृढ़इच्छा शक्ति की मिसाल दो पैदल यात्रा तय कर रहे दो युगल यात्रियों का है जो इह लोक ही नही परलोक तक के भी शुभ संयोग पुण्यकर्म अर्जित कर रहे हैं।
वन्देभारत लाइव टीवी न्यूज के साथ कैलाश नाथ तिवारी की रिपोर्ट
अयोध्या/अम्बेडकरनगर। पैदल यात्रा पर निकले लम्बी दूरी तय करते हुए दो तीर्थ यात्री का श्रद्धा विश्वास और समर्पण भक्तिभाव को लेकर अद्भुत और अनोखी प्रेरणाप्रद सीख मिलती है यह अदम्य साहस उनके जज्बे को देखकर हर युवा मन प्रभावित हुए बिना अछूता नही रह सकता बातचीत करने पर उन्होंने बताया कि जनपद खारगौन ग्राम जिनियां तहसील जिनियां मध्य प्रदेश का रहने वाला हूँ मेरा नाम सुनील यादव है हमारे बाबाजी ने हम सनातनी हिन्दुओं के आस्था विश्वास का केन्द्र रहा श्रीरामजन्म भूमि मंदिर बनने के बाद पैदल यात्रा तय कर दर्शन करने की सोची थी समय चक्र के प्रभाव से वे स्वर्ग लोक सिधार गये तो मन में सोचा क्यों न इसे हम पूर्ण करें यह सोचकर परिवार में पिताजी के बार_बार मना करने के बाद भी हमने अपने गुरुजी की आज्ञा लेकर यात्रा पर निकल दिए मेरे साथ मेरा भाई रोशन यादव हम दोनों इस समय पैदल यात्रा पर हैं हमने यात्रा शुरू की थी ओमकार जी से ओम्कारेश्वर महाकालेश्वर श्रावणीय से खाटू श्याम जी सालासर से सालासरधाम मेहंदीपुर बालाजी उसके बाद फिर हम आए थे मथुरा गोकुल बरसाना और गोवर्धन वहां से हम अयोध्या के लिए प्रस्थान किया था उसके बाद हम काशी जा रहे हैं काशी हमारा अंतिम लक्ष्य है उसके बाद हम वापस घर को जाएंगे।
आज वर्तमान नवीन पीढ़ी जहां धर्म अध्यात्म पथ पर अग्रसर न होकर नाना प्रकार के भौतिकतावाद के झंझावातों में उलझा हुआ है मस्तिष्क में तरह-तरह के अनर्गल बातों को लेकर चिंताओं से ग्रसित है जीवन में आने वाली विभिन्न प्रकार की विघ्न बाधाओं की समस्याओ से जूझ रहा है मानसिक तनावों से परेशान है ऐसे विषम परिस्थितियों से जकड़ा हुआ मानव अपने कर्मों के फलस्वरूप दीन-हीन का जीवन जीने को विवश हो रहा है मानव जीवन 84लाख योनियों में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है सिर्फ इसीलिए नही उसके पास असीमित अलौकिक दिव्य शक्ति है यदि वह चाहे तो अपने संकल्प शक्ति निरंतर प्रयत्न निष्ठा विश्वास समर्पण लगन के माध्यम से असंभव प्रतीत होने वाले हर कार्य को सहज संभव कर सकता है बस उसमें दृढ़ इच्छा शक्ति जाग्रत करने की जरूरत होती है। बस उन्हीं दृढ़इच्छा शक्ति की मिसाल दो पैदल यात्रा तय कर रहे दो युगल यात्रियों का है जो इह लोक ही नही परलोक तक के भी शुभ संयोग पुण्यकर्म अर्जित कर रहे हैं।
वन्देभारत लाइव टीवी न्यूज के साथ कैलाश नाथ तिवारी की रिपोर्ट