लखीमपुर खीरी : चीनी मिल खंभारखेड़ा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अवधेश कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में चीनी मिल खम्भारखेड़ा के परिक्षेत्र के ग्राम कारीकोट में बसन्तकालीन गन्ना बुवाई के सम्बन्ध बृहद कृषक गोष्ठी का आयोजन किया गया। कृषक प्रशिक्षण में उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद शाहजहाॅपुर के पूर्व वैज्ञानिक डा० वी.सी. जादौन, चीनी मिल खम्भारखेड़ा के महाप्रबन्धक (गन्ना) पुष्पेन्द्र ढाका, सहायक महाप्रबन्धक (गन्ना) राज सिंह, क्षेत्रीय प्रभारी अरुण सिंह सहित सैकडों की संख्या में किसान मौजूद रहे।
वरिष्ठ उपाध्यक्ष द्वारा बसंतकालीन गन्ना बुवाई में आधुनिक वैज्ञानिक तकनीकों के प्रयोग, गन्ना किस्म को०15023, को.शा. 13235, को. लख. 14201 तथा अन्य नवीनतम किस्मों की बुवाई लाइन से लाइन 4 फिट की दूरी रखते हुए करने की सलाह दी, साथ ही कृषकों को अवगत कराया की चीनी मिल ने वर्तमान सत्र के गन्ना मूल्य भुगतान की शुरूआत कर दी गयी है अतः कोल्हूओ/खाण्डसारियों पर अपना गन्ना न बेचें और चीनी मिल को आपूर्ति कर अपना बेसिक कोटा मजबूत करें जिससे आगामी पेराई सत्र में लाभ प्राप्त हो सके। साथ ही गन्ना किसानों को चश्मे भेंट स्वरूप वितरित किए ताकि गन्ना छिलाई एवं बंधाई के दौरान आने वाले जोखिमों को कम किया जा सके।
गन्ना शोध परिषद, शाहजहांपुर के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. वी.सी. जादौन द्वारा बसंतकालीन गन्ना बुवाई, भूमि शोधन, बीज शोधन के साथ, प्रति इकाई गन्ना उत्पादन बढ़ाने हेतु कृषकों से प्रजाति का सही चुनाव, गन्ने की लाइन से लाइन दूरी कम से कम 4 फिट रखने तथा मृदा परीक्षण के आधार पर उर्वरकों के प्रयोग करने की सलाह दी तथा वैज्ञानिक तकनीकी अपनाने पर जोर दिया, कृषकों को गन्ने की फसल पर लगने वाले कीट एवं बीमारियों के बारे में विस्तृत रूप से बताया गया। किसानों को गन्ने की स्वीकृत किस्मों, बीज का उपचार (थायोफिनिट मिथाइल द्वारा) एवं भूमि उपचार (ट्राइकोडर्मा द्वारा), गन्ना उत्पादन तकनीक, सिंगल बड तकनीक द्वारा गन्ना पौध तैयार करने, बसन्तकालीन गन्ना बुवाई, ट्रेंच विधि, कार्बनिक खाद, रासायनिक उर्वरकों का संतुलित प्रयोग, पेड़ी गन्ना प्रबन्धन आदि विषयों पर विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी।
चीनी मिल खम्भारखेड़ा के महाप्रबन्धक (गन्ना) द्वारा बताया गया कि किसी भी दशा में प्रतिबन्धित प्रजातियों अथवा अस्वीकृत एवं अन्य राज्यों की विकसित प्रतिबन्धित प्रजातियों की बुवाई कदापि ना करें। बसन्तकालीन गन्ना बुवाई में बुवाई से पूर्व बीज को फंफूदीनाशक एवं कीटनाशक से पूरी रात पानी के घोल में शोधित करके खेत को ट्राइकोडर्मा से शोधित करने के उपरान्त दो आंख के टुकडे़ की बुवाई करें। बसन्तकालीन गन्ना बुवाई में उन्नातिशील गन्ना प्रजातियों (को.0118, को.15023, को.लख.14201, को.शा.13235, को.लख.16202, को.शा.17231 एवं जलप्लावित क्षेत्र हेतु को.शा.13231, को.98014 एवं को.लख.94184) का ही चयन करें और ट्रैन्च विधि के माध्यम से गन्ना बुवाई करें।
वन्दे भारत लाइव टीवी न्यूज चैनल से संवाददाता अनिल कुमार की खास रिपोर्ट