वाराणसी। मुस्लिम बहुल मदनपुरा इलाके में बंद मंदिर की जानकारी सामने आने के बाद मंगलवार को बड़ी संख्या में लोग वहां पहुंच गए। कुछ महिलाओं ने वहां हर हर महादेव के उद्घोष के साथ शंखनाद किया। स्थानीय लोगों ने इस पर आपत्ति जताई तो माहौल तनावपूर्ण हो गया।
सूचना पर बड़ी संख्या में पुलिस पहुंची और मंदिर के बाहर जमा लोगों को हटाकर दुकानें आदि बंद कराईं। एहतियातन मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल के तैनात कर दिया गया है। सुबह से ही मदनपुरा में मंदिर के आसपास मीडिया का जमावड़ा होने लग रहा था।
महिलाओं ने किया शंखनाद
सनातन रक्षा दल के अध्यक्ष अजय शर्मा के नेतृत्व में पहुंचीं आधा दर्जन महिलाओं ने वहां शंखनाद किया और हर हर महादेव का उद्घोष किया। आसपास के लोगों ने इसका कड़ाई से विरोध किया। उनका कहना था कि 70-75 साल पहले भी उन्होंने मंदिर को बंद ही देखा था। मंदिर है तो पूजा पाठ से किसी ने इन्कार नहीं किया है लेकिन अब नई परंपरा बनाकर क्षेत्र की स्थिति तनावपूर्ण न की जाए। इस बीच महिलाओं की ओर से भी कुछ लोग आगे बढ़े तो स्थित तनावपूर्ण हो गई। इसकी जानकारी होते ही डीसीपी काशी गौरव बंशवाल भारी फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे।
उन्होंने मंदिर के आसपास जुटी भीड़ को हटवा दिया। क्षेत्र की दुकानें भी बंद करा दीं। एडीएम सिटी आलोक वर्मा ने मंदिर व आसपास के स्थलों का निरीक्षण किया। उनका कहना है कि इस जमीन पर किसका स्वामित्व है, इसका रिकार्ड निकाला जाएगा। यदि यह मंदिर है तो इस पर किसी का निजी स्वामित्व नहीं हो सकता। इसे सार्वजनिक संपत्ति घोषित किया जाता है तो दर्शन-पूजन का अधिकार भी मिलेगा।
वर्षों से बंद है मंदिर का दरवाजा
मदनपुरा के गोल चबूतरा के पास स्थित यह मंदिर स्थापत्य और बनावट में भगवान शिव का मंदिर प्रतीत होता है। 60-70 साल के स्थानीय बुजुर्गों का कहना है कि उन्होंने बचपन से मंदिर को बंद ही देखा है। कुछ बुजुर्गों ने बताया कि यह एक बंगाली परिवार का मकान था, जिसे दशकों पहले मुस्लिम व्यापारी को बेच दिया था। वर्तमान में वहां साड़ी की गद्दी है और कुछ लोग रहते हैं।