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*एकता की बुलंद हुंकार: सावनेर और गुजरखेड़ी में कबीर जयंती पर “शांति संदेश यात्रा” का आयोजन!*


कबीर जयंती २०२५: सावनेर और गुजरखेड़ी में शांति और एकता का अभूतपूर्व जागरण!
नागपुर ग्रामीण, प्रतिनिधि:सूर्यकांत तळखंडे

सावनेर, १ जून २०२५: रविवार, १ जून को सावनेर शहर और पास का गुजरखेड़ी गाँव परम पूज्य संतगुरु कबीर साहेब की जयंती के उत्साह में पूरी तरह डूब गया। मानवता और एकता का संदेश देने वाले कबीर साहेब की पावन जयंती के अवसर पर, सावनेर में एक विशाल ‘शांति संदेश यात्रा’ निकाली गई, वहीं गुजरखेड़ी के ऐतिहासिक परम पूज्य मौनीबाबा देवस्थान में विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों ने पूरे परिसर को भक्तिमय बना दिया। हजारों कबीरपंथी भक्त, स्थानीय नागरिक, युवा और गणमान्य व्यक्तियों ने बड़े उत्साह के साथ भाग लेकर कबीर साहेब की शांति, समानता और सद्भाव की शिक्षाओं का अलख जगाया।
सावनेर में ‘शांति संदेश यात्रा’: एकता की बुलंद हुंकार!
सुबह से ही सावनेर शहर उत्सव के रंग में रंगा हुआ था। परम पूज्य संतगुरु कबीर धर्मदास साहेब वंशानुयायी प्रचार संस्थान, गुजरखेड़ी के मार्गदर्शन में सावनेर उपसमिति ने इस भव्य यात्रा का आयोजन किया। सुबह १० बजे शहर के मुख्य चौक से यह यात्रा शुरू हुई, जहाँ सैकड़ों भक्त सफेद वस्त्रों में और कबीर साहेब की पताकाएँ लिए हुए एकत्रित हुए थे।
कबीर साहेब के जीवन पर आधारित आकर्षक रथ, झाँकियाँ और प्रेरणादायक भजन मंडलियाँ इस यात्रा का विशेष आकर्षण थीं। महिलाओं की भागीदारी भी उल्लेखनीय थी; वे सिर पर मंगल कलश लिए, भजन गाती हुई और ‘शांति संदेश’ के नारे लगाती हुई चल रही थीं। ढोल-ताशों की गूँज, तालियों की गड़गड़ाहट और ‘जय कबीर- जय कबीर’ के नारों से सावनेर की सड़कें गूँज उठीं। शांतिपूर्ण और अनुशासित तरीके से निकली इस यात्रा का नागरिकों ने पुष्पवर्षा कर और पीने के पानी की व्यवस्था कर स्वागत किया।
इस सफल आयोजन के पीछे प्रफुल महंत, सुभाष महाजन, सतीश धमदे, प्रमोद भुरके, शंतनू भजन, अशोक कारेमोरे, निखिल भुरके, सतीश सुके, संजय मालापुरे, किशोर धपके, मनीषा आढे, साजन महंत, सुनील भुरके, विनोद महाजन, ईश्वर धपके, निलेश पुतोरिया, कुणाल धपके, जितेंद्र घाटे, अरविंदजी महंत, दीपक बोडी, रवींद्र बोडी और दिलीपजी पाटील सहित कई स्वयंसेवकों का अथक परिश्रम था। जाति-धर्म से ऊपर उठकर समानता, भाईचारा और सद्भाव का संदेश समाज में फैलाना इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य था।
गुजरखेड़ी में प्रकट्य दिन समारोह की भव्यता: भक्ति का महासागर उमड़ा!
सावनेर से कुछ दूरी पर स्थित गुजरखेड़ी के ऐतिहासिक परम पूज्य मौनीबाबा देवस्थान में सद्गुरु कबीर साहेब का प्रकट्य दिन बड़े उत्साह के साथ मनाया गया। सुबह से ही देवस्थान में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी थी। पूज्य महंत श्री हीरादास साहेब, रोहना और पूज्य महंत श्री सपंतदास साहेब, खानगाँव की प्रमुख उपस्थिति में कबीर साहेब के जीवन कार्य और दोहों पर आधारित प्रेरणादायक प्रवचन और कीर्तन कार्यक्रम संपन्न हुए, जिससे उपस्थित भक्त मंत्रमुग्ध हो गए।
श्री बाबूरावजी लोलुसरे, संस्था अध्यक्ष के कुशल नेतृत्व में देवस्थान में ‘चौका आरती’, सामूहिक प्रार्थना और उसके बाद भव्य ‘भोजन व भंडारा’ जैसे विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए थे। हजारों भक्तों ने इस सामुदायिक भोजन का लाभ उठाया, जबकि स्वयंसेवकों ने अत्यंत व्यवस्थित तरीके से अन्नदान सेवा की।
इस प्रकट्य दिन के अवसर पर खानगाँव, खुरजगाँव, परसोडी, मंगसा, बोथिया, नागपुर, सावनेर जैसे कई गाँवों से भव्य शोभायात्राएँ निकाली गईं। कबीर साहेब के भजनों का गायन, कीर्तन और उनके संदेश के फलक लिए भक्त बड़ी संख्या में शामिल हुए थे। ढोल-ताशों की गूँज और ‘कबीर साहेब की जय’ के नारों से पूरा गुजरखेड़ी परिसर गूँज उठा था। सावनेर से आई शांति संदेश यात्रा के भक्तों ने भी इस समारोह में बड़ी संख्या में भाग लिया, जिससे यहाँ का उत्साह दोगुना हो गया। सभी शोभायात्राओं का मौनीबाबा देवस्थान में विधिपूर्वक समापन हुआ, जहाँ महाआरती और कबीर साहेब के अमर संदेश का स्मरण किया गया।
इन दोनों समारोहों ने सावनेर और आसपास के पूरे क्षेत्र में कबीर साहेब के प्रेम, समानता और सद्भाव के शाश्वत संदेश का प्रभावी ढंग से प्रसार किया। यह दिन केवल एक संत की जयंती का उत्सव नहीं, बल्कि समाज में एकता और भाईचारे की भावना को मजबूत करने वाला एक महत्वपूर्ण सामाजिक और आध्यात्मिक उपक्रम साबित हुआ, जिससे यह रेखांकित हुआ कि कबीर साहेब के विचार आज भी कितने प्रासंगिक हैं।

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