
मसलिया प्रखंड सभागार में मंगलवार को झारखंड पंचायती राज विभाग के तत्वाधान एवं एसेंशिय एजुकेयर लिमिटेड के देखरेख में दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें प्रखंड क्षेत्र के वार्ड सदस्यों को अनुसूचित क्षेत्र में ग्राम सभा की अधिकारिता और जिम्मेदारियों की जानकारी दी गई। प्रशिक्षण में बताया गया कि पेसा कानून 1996 के तहत ग्राम सभा को जल, जंगल, जमीन के प्रबंधन के साथ-साथ हाट-बाजार, गौण खनिजों पर परामर्श और लघु वन उत्पाद का स्वामित्व प्रदान किया गया है। इसके अतिरिक्त ग्राम सभा के आठ स्थायी अधिकारों के बारे में विस्तार से चर्चा की गई। प्रशिक्षण का संचालन पंचायती राज विभाग के राज्य प्रशिक्षक जॉन सोरेन ने किया। उन्होंने कहा कि सशक्त ग्राम सभा ही मजबूत पंचायत और विकासशील गांव की नींव होती है। प्रशिक्षण के दौरान सभी वार्ड सदस्यों से यह भी पूछा गया कि वे आने वाले 10 वर्षों में अपने गांव को किस रूप में देखना चाहते हैं। सदस्यों ने चार्ट पेपर पर सपनों के गांव की तस्वीर उकेरी और विकास की योजनाओं पर विचार साझा किए। इस पहल का उद्देश्य स्थानीय प्रतिनिधियों में जागरूकता लाना और ग्राम सभा को अधिक सक्रिय एवं प्रभावशाली बनाना है। मौके पर बीपीएम आनंद कुमार दुबे, कौशल पाल, नियोति यादव, सुलोचना देवी, प्रतिमा मरांडी, चंदन दास और सुहागिन मुर्मू समेत कई जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित रहे। प्रशिक्षकों ने वार्ड सदस्यों को यह संदेश दिया कि यदि वे सामूहिक रूप से ग्राम सभा को सशक्त करेंगे, तो गांव आत्मनिर्भर और विकासशील बन सकता है।