
वंदे भारत लाइव टीवी न्यूज रिपोर्ट
वाराणसी। पूर्वोत्तर रेलवे क्षेत्र के यात्रियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। खुरहट-पिपरीडीह (मऊ बाईपास) के बीच 15 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन बिछाने की परियोजना को रेलवे बोर्ड ने हरी झंडी दे दी है। इस परियोजना के पूरा होते ही वाराणसी से आजमगढ़ का सफर मात्र दो से ढाई घंटे में पूरा हो जाएगा। वर्तमान में यह यात्रा चार घंटे तक लगती है, जिससे यात्री रोडवेज और प्राइवेट बसों को प्राथमिकता देते हैं।
रेलवे बोर्ड ने इस परियोजना की प्रगति के लिए फाइनल सर्वे हेतु 30 लाख रुपये का बजट भी जारी किया है। बाईपास लाइन बनने से वाराणसी-आजमगढ़ रेल मार्ग पर न केवल दूरी घटेगी, बल्कि इंजन बदलने में लगने वाला समय भी समाप्त होगा।
क्या है योजना का स्वरूप?
वर्तमान में वाराणसी सिटी से आजमगढ़ की रेल दूरी 136 किमी है। ट्रेन वाराणसी से चलकर औड़िहार जंक्शन, मऊ, खुरहट, मोहम्मदाबाद होते हुए आजमगढ़ पहुंचती है। सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि मऊ जंक्शन पर ट्रेनों को आजमगढ़ की ओर जाने के लिए यू-टर्न लेना पड़ता है, जिसके लिए इंजन बदलना जरूरी होता है। इससे परिचालन में काफी समय बर्बाद होता है।
नई परियोजना के तहत मऊ जंक्शन से 11 किलोमीटर पहले पिपरीडीह से खुरहट स्टेशन तक 15 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछाई जाएगी, जिससे ट्रेनें सीधे खुरहट होकर आजमगढ़ पहुंचेंगी।
क्या होगा फायदा?
वाराणसी-आजमगढ़ की दूरी 11 किमी घट जाएगी (136 किमी से घटकर 125 किमी)।
एक्सप्रेस ट्रेनें अब 2 घंटे में सफर पूरा करेंगी, जबकि पैसेंजर ट्रेनें 2.5 घंटे में।
इंजन बदलने की प्रक्रिया समाप्त होने से एक घंटे की बचत होगी।
यात्रा समय कम होने से रेल यातायात बढ़ेगा और यात्रियों की संख्या में इजाफा होगा।
यात्रियों को अब क्यों नहीं रास आ रही थी ट्रेन?
वर्तमान में वाराणसी-आजमगढ़ रेल मार्ग पर ट्रेनें औसतन 4 घंटे लेती हैं, जबकि रोडवेज बसें 3 घंटे में पहुंचाती हैं। इसी वजह से ज्यादातर लोग बसों का सहारा लेते हैं।
ट्रेन किराया: पैसेंजर ₹35, एक्सप्रेस ₹65।
रोडवेज किराया: ₹179 (3 घंटे)।
जनरथ बस किराया: ₹225 (ढाई घंटे)।
नौ किमी घटेगी दूरी, बचेगा एक घंटा समय
इस परियोजना के अमल में आने के बाद वाराणसी-आजमगढ़ रेल यात्री तेज, सस्ती और सुरक्षित यात्रा का अनुभव कर पाएंगे। रेलवे बोर्ड का मानना है कि यह परियोजना क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को मजबूत करेगी और यात्रियों को बड़ी राहत देगी।