जो लोग कहते हैं कि हमें कार्ड नहीं मिला व्हाट्सएप पर भेजने से हम नहीं आएंगे वह लोग आंखें खोल कर देखें एक परिवार की दुनिया उजड़ गई इस कार्ड बांटने के चक्कर में यह कार्ड बांटने का चलन तब मजबूरी था जब कोई और व्यवस्था नही थी लेकिन आज सूचना क्रांति के दौर में निमंत्रण भेजने के कई रास्ते खुल गए हैं तो हम उनको क्यों नहीं मानते शादी आज के जमाने के हिसाब से हो रही है लेकिन मिलने वालों को रिश्तेदारों को बुलाने का तरीका वही वर्षों पुराना है यह कार्ड बांटने का तरीका बिल्कुल ठीक नहीं है इसे बंद होना चाहिए जो अपना है वह बिना कार्ड के भी आ जाएगा और जो अपना नहीं है उसे कैसे भी बुलाओ वह नहीं आएगा
28/02/2024 दिन बुधवार दोपहर 4:00 के आसपास
जिसमें मुगलसराय निवासी राजू दांगी एवं उनका पुत्र मोटरसाइकिल से अपनी बच्ची की शादी के कार्ड अपने संबंधियों को बांटने गए थे वापस मुगलसराय लोटते समय सिरोंज तहसील के ग्राम सुरनताल की घाटी पर एक्सीडेंट हो गया जिम दोनों ही पिता पुत्र की मृत्यु हो गई घटना बहुत दुखद है ईश्वर उनके परिवार को सहनशक्ति प्रदान करें
रिपोर्टर शुभम रजक