अयोध्या
राज्य पाल श्री कटारिया ने दर्शन पूजन के बाद सर्किट हाउस पहुंचे और प्रेस वार्ता में कहा कि भगवान राम लला का दर्शन करने का सौभाग्य मिला, मैं बहुत भाग्यशाली हूं, उन्होंने यह भी कहा कि मैं 1992 के कारसेवा में भी शामिल रहा, जब यह ढांचा गिरा था तब एक कारसेवक के रूप में इसी मैदान में मौजूद रहा, उस समय ये छोटी जगह थी, आज भव्य रूप लेकर भव्य और दिव्य मंदिर बना है।उन्होंने कहा कि 1992 के दौरान हनुमानगढ़ी ही सबसे बड़ा श्रद्धा का केंद्र था, जहां सब लोग जाकर दर्शन करते थे, 1992 में 5,7 दिन रहने का मौका मिला था तो घूम-घूम कर अयोध्या में दर्शन पूजन करने का मौका मिला, सरयू स्नान करने का भी मौका मिला था, यह सब सौभाग्य मिला, 500 साल का जो समाज का कलंक था जिसके लिए कई पीढियो ने संघर्ष किया अपना बलिदान, दिया प्रभु की इच्छा थी नरेंद्र मोदी के इस निर्णय पर, कोर्ट फैसला करें इसको टाले नहीं और कोर्ट ने लगातार सुनवाई करके पहला जजमेंट कोई दिया जिसे हिंदू और मुसलमान दोनों ने स्वीकार किया।असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने मथुरा काशी को लेकर कहा कि कानूनी दांव पेच के आधार पर हुआ है यह निर्णय किसी व्यक्ति और पार्टी ने नहीं किया है यह भी कोर्ट ने किया है, उसका निर्णय भी कोर्ट ही करेगी और कोर्ट के निर्णय को सब लोग मानेंगे।
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