ब्रेकिंग न्यूज़ बस्ती
*सेक्स रैकेट चलाने वाली महिला की जमानत अर्जी हाईकोर्ट से खारिज*
बस्ती- बस्ती शहर मे नाबालिक लड़कियों से देह व्यापार करवाने वाली महिला को हाईकोर्ट ने जमानत देने से इंकार करते हुए जमानत प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया,
छावनी थाने की एक नाबालिक पीड़िता उम्र 15 वर्ष अपने दीदी के घर अयोध्या जाने के लिए प्राइवेट बस पर बैठी,
बस मे मौजूद ड्राईवर व उनके सहयोगी ने पानी मे कोई पाउडर मिलाकर पीड़िता को पिला दिये और पीड़िता बेहोश हो गई और फिर पीड़िता को अयोध्या न ले जाकर बस्ती पहुँचा दिये और बस्ती से दो अन्य लड़के के साथ बस्ती स्थिति महिला अभियुक्ता के घर पहुँचा दिये,
जहाँ पर महिला लगभग 4 दिन तक बेहोश रही पीड़िता को कुछ याद नही था उसके बाद पीड़िता ने देखा कि वहाँ कई लड़की व महिलाएं मौजूद है और एकदम अंधेरा है और वहाँ बाहर से पुरुष आते है और वहाँ पर मौजूद सभी लड़कियों से महिला अभियुक्ता बाहर से आये लड़कों के साथ गलत संबंध बनाने के लिए दबाव बना अंदर भेजती थी और बाद उससे पैसा लेती थी पीड़िता जब जब निकल कर भागने का प्रयास करती थी तो उसे जान से मार डालने की धमकी मिलती थी और अंदर बंद करके रखती थी और वहाँ पर मौजूद पुरुष व महिलाएं उसे बाहर नही निकलने देती थी .!
24 जुलाई 2023 को सुबह करीब पांच बजे पीड़िता चुपके से बाहर निकली तो वहाँ पर मौजूद कुछ लड़किया दौड़ कर पीछे से पकड़ कर खींच कर अंदर ले जाने लगी तो पीड़िता चिल्लाई तो पड़ोस के लोग आ गए और 112 पर फोन करके पुलिस को पूरी बात बताई जिसके बाद पुलिस आकर पीड़िता को अपने साथ थाने पर ले गई और उसके घर पर सूचना दी पुलिस की सूचना पर जब घर वाले थाने पर आये तो पीड़िता पूरी बात रो रोकर अपने अभिभावक से बताई और पीड़िता के पिता ने थाने मे तहरीर दी,और महिला अभियुक्ता के साथ कुछ अज्ञात लोगो के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कर जेल भेजा गया…!
महिला के अभियुक्ता के द्वारा जनपद न्यायालय मे जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया जनपद न्यायालय ने जमानत प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया तो अभियुक्ता के जमानत के लिए हाईकोर्ट मे अर्जी लगाई गई..!
जिसकी फाइनल सुनवाई 24 अप्रैल 2024 को माननीय न्यायमूर्ति राजबीर सिंह की बेंच मे हो रही जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध *पीड़िता/वादी के विद्वान अधिवक्ता के.एल.तिवारी* कर रहे थे पीड़िता के अधिवक्ता का कहना था 24 दिन तक पीड़िता जबरदस्ती बंधक बना कर पैसे के लिए देह व्यापार जैसा जघन्य अपराध कारित किया है जिससे पीड़िता व उसके परिवार वालो को शारीरिक व मानसिक क्षति हुई जिसके वजह से पीड़िता मानसिक रूप से विक्षिप्त हो गई है और पीड़िता का स्वास्थ्य अभी भी सही नही हो पाया है इसलिए अभियुक्ता जमानत की हकदार नही है…!
उभय पक्षों की बहस सुनने के बाद माननीय न्यायालय ने जमानत अर्जी खारिज कर दी…!