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पंचायत में विकास योजनाएं कमीशनखोरी की चढ़ी भेंट

श्री बंशीधर नगर पंचायत में विकास योजनाएं कमीशनखोरी की भेंट चढ़ जा रही हैं।

संवाददाता  अखिलेश विश्वकर्मा का रिपोर्ट गढ़वा

बंशीधर नगर से

श्री बंशीधर नगर पंचायत में विकास योजनाएं कमीशनखोरी की भेंट चढ़ जा रही हैं। योजनाओं का लाभ शहरवासियों को नहीं मिल पा रहा है। इसका ताजा उदाहरण नगर पंचायत की ओर से करोडों रुपये खर्च कर लगाये गये जलमीनार है। शहर में अधिष्ठापित अधिकांश जलमीनार खुद प्यासे हैं।

प्यासे जलमीनार दीया तले अंधेरा वाली कहावत को चरितार्थ कर रहे हैं।घटिया कार्य एवं कमीशन खोरी के चपेट में योजनाओं का बुरा हाल देखकर भी स्थानीय जनप्रतिनिधि चाहे वे सरकार में हो या विपक्ष में हो सभी का नगर पंचायत के प्रति मौन धारण अपने आप में बहुत बड़ा प्रश्न खड़ा करता है। नगर पंचायत श्री बंशीधर के द्वार किए गए कार्यों पर भ्रष्टाचार के संगीन आरोप पूर्व में लगते रहे है।उसके किए गए कार्यों से यह स्पष्ट नजर आता है कि बिचौलियों का बोलबाला नगर पंचायत में बखूबी है। जो जांच का विषय है।

जानकारी के अनुसार शहर में पेयजल की समस्या को देखते हुये नगर पंचायत की ओर से करोड़ों रुपये खर्च कर क्षेत्र के विभिन्न वार्डों में लगभग 51 जलमीनार लगाया गया है। साथ ही उक्त जलमीनार से शहर में लगभग 30 घरों में नल से जल उपलब्ध कराया जाना था। ताकि शहरवासियों को पेयजल संकट से निजात मिल सके एवं शहर में आने जाने वाले राहगीरों के तपती धूप में वे हलक तर हो सके। किंतु जलमीनार में कमीशन खोरी होने के कारण शहर में लगे अधिकांश जलमीनार हाथी दांत साबित हो रहे हैं। जलमीनार खराब एवं बेकार होने के कारण लोगों को एक बूंद भी पानी नसीब नहीं हो रहा है। जहां जलमीनार लगा है वहां भी एक बूंद पानी उपलब्ध नहीं है। लोग पानी के लिये इधर उधर भटक रहे हैं।

 

सबसे दुर्भाग्य की बात है कि शहर की हृदयस्थली गोसाईबाग मुंडन घाट, गर्ल्स हाईस्कूल, थाना के निकट एवं स्टेट बैंक के पास लगे जलमीनार बिन पानी के हांफ रहे हैं। लोग बूंद बूंद पानी के लिये तरस रहे हैं। जबकि यह इलाका भीड़ भाड़ वाला है। यहां से लोग बाहर आते जाते हैं। गर्ल्स हाईस्कूल के पास लगाया गया जलमीनार लगने से लेकर आज तक एक बूंद पानी नहीं दिया है। जबकि गर्ल्स हाईस्कूल में लगभग आठ सौ से एक हजार तक छात्राएं पढ़ने आती हैं।

 

सूत्र बताते हैं कि जलमीनार अधिष्ठापन योजना में ठेकेदार के द्वारा पांच वर्षों तक जलमीनार की देखभाल कर लोगों को पानी उपलब्ध कराने का प्रावधान है। किंतु ऐसा नहीं हो रहा है। यह गंभीर सवाल है।

 

जलमीनार योजना की बदहाली इस बात के प्रमाण हैं कि उक्त जलमीनार से शहरवासियों एवं शहर में आने वाले राहगीरों की हलक तर हो या ना हो किन्तु नगर पंचायत के पदाधिकारियों एवं कर्मियों की हरे हरे नोटों से हलक जरूर तर हुई है।

 

इस संबंध में कार्यपालक पदाधिकारी नगर पंचायत अमरेंद्र कुमार ने बताया कि

 

“जो जलमीनार खराब है उसे दुरुस्त कराने के लिये तेजी से काम किया जा रहा है। खराब मोटर को ठीक कराने के लिये भेजा गया है जल्द ही जलमीनार को चालू करा दिया जायेगा। ताकि लोगों को पानी मिल सके।”

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