
देवरिया, बाबा राघव दास स्नातकोत्तर महाविद्यालय के संस्थापक प्रबंधक स्व.पंडित दीप नारायण मणि के प्रतिमा का अनावरण शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला और विशिष्ट अतिथि दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर की कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन, पूर्व सांसद डॉ रमापति राम त्रिपाठी ने किया। प्रतिमा महाविद्यालय के पंडित दीप नारायण मणि उद्यान में लगाया गया है। वक्ताओं ने पंडित दीप नारायण मणि के शिक्षा के क्षेत्र में किए गए योगदान को याद किया गया।
मुख्यअतिथि राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने कहा कि देश की प्रगति के लिए संपोषणीय विकास की ओर उन्मुख शिक्षा व्यवस्था आवश्यक है। उन्होंने कहा कि भविष्य के लिए पर्यावरण संरक्षण वृक्षारोपण का होना आवश्यक है। उन्होंने नई शिक्षा नीति पर बल देते हुए उसके लाभो से अवगत कराया।
आज की शिक्षा व्यवस्था पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि पहले सर्वस्व लगाकर महाविद्यालयों की स्थापना की जाती थी। उन्होंने राष्ट्रवाद की आवश्यकता अवधारणा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 9 अगस्त से लेकर 15 अगस्त तक सभी लोग अपने घरों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराएं।
विशिष्ट अतिथि पूर्व सांसद डॉ. रमापति राम त्रिपाठी ने शिक्षालयों को किसी भी राष्ट्र की प्रगति का आधार बताते हुए, युवाओं को प्रेरित किया। कुलपति पूनम टंडन ने कहा कि राष्ट्र के निर्माण में स्वर्गीय दीप नारायण मणि त्रिपाठी के योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने यह भी कहा कि देवरिया जनपद के बाबा राघव दास स्नातकोत्तर महाविद्यालय, एक विश्वविद्यालय बनने की कसौटी पर पूरी तरह खड़ा उतरता है।
उन्होंने यह भी बताया कि दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में करोड़ों की लागत से एक सेंट्रल इंस्ट्रूमेंटेशन फैसिलिटी विकसित की जा रही है। जिसके विकसित हो जाने पर महाविद्यालय के छात्रों को भी पूरा लाभ मिला करेगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे बाबा राघव दास स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर शरद चंद मिश्र ने कहा कि आज 70 वर्षो के कालखंड के उपरांत महाविद्यालय के सरंक्षक, मंत्री स्व. प. दीप नारायण मणि त्रिपाठी की मूर्ति की स्थापना व अनावरण राज्यपाल, कुलपति, पूर्व सांसद व विधायक जी के कर कमलों से हुआ। कार्यक्रम का संचालन प्रो. संध्या उपाध्याय ने किया। इस दौरान विधायक डॉक्टर शलभ मणि त्रिपाठी, नगर पालिका अध्यक्ष अलका सिंह, भजपा जिलाध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह, प्रधानाचार्य डॉ. अजय मणि त्रिपाठी समेत महाविद्यालय के शिक्षक और छात्र मौजूद रहे।