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श्रीमद् भागवत कथा के सातवें दिन विश्राम दिवस पर श्री कृष्ण सुदामा प्रसंग सुनाया

विनोद खन्ना

श्रीमद्भागवत कथा के सातवें विश्राम दिवस पर श्री कृष्ण और सुदामा की मित्रता का पसंग सुनाया राजस्थान धड़कन न्यूज़ विनोद खन्ना भादरा तहसील के निकटवर्ती गांव गांधी बड़ी में सातवें विश्राम दिवस गुरुवार को कथावाचक स्वामी श्री करुणानंद जी महाराज ने श्री कृष्ण व सुदामा का प्रसंग बड़े ही प्रेम भाव प्यार से सुनाया। प्रसंग में सुनाया कि इन्हीं में से एक श्री कृष्ण और सुदामा की कहानी है जिससे हमें मित्र के प्रति ईमानदारी त्याग और सम्मान का भाव दिखाई देता है। कथावाचक के श्री करुणानंद जी महाराज ने कहा कि जब श्री कृष्ण बालपन में ऋषि संदीपन के पास शिक्षा ग्रहण कर रहे थे तब उनकी मित्रता सुदामा से हुई थी। कृष्ण एक राज परिवार में और सुदामा एक ब्राह्मण परिवार में पैदा हुए थे शिक्षा दीक्षा समाप्त होने के बाद श्री कृष्ण राजा बन गए वहीं दूसरी और सुदामा के बुरे दौर की शुरुआत हो चुकी बुरे दिन से परेशान होकर सुदामा की पत्नी ने उन्हें राजा कृष्ण से मिलने के लिए मजबूर किया। पत्नी के जिद को मानकर सुदामा अपने बाल सखा श्रीकृष्ण से मिलने द्वारका गए तब कृष्णा ने अपने मित्र सुदामा के आने का संदेश पाकर नंगे पैर ही उन्हें लाने के लिए दौड़ पड़े। मित्र सुदामा की दयनीय हालत देखकर भगवान श्री कृष्ण के आंसु थमने का नाम नहीं ले रहे थे। भगवान श्री कृष्ण ने सुदामा के पर अपने आंसुओं से साफ कर दिए यह भगवान कृष्ण का अपने मित्र सुदामा के प्रति अनन्य प्रेम को दर्शाता है।अंत में कथावाचक श्री करुणानंद जी महाराज ने जय श्री कृष्णा राधे राधे के साथ कथा का समापन किया।

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