
बरेली । जिले के 200 लोगों के जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्रों की सत्यता को लेकर सवाल उठने लगे हैं। हरियाणा के पंचकूला में दर्ज रिपोर्ट के बाद गिरोह से मिले इनपुट पर साइबर थाना पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। सीएमओ को पत्र भेजकर प्रमाणपत्रों की सत्यता संबंधी जानकारी मांगी गई है।
पिछले दिनों हरियाणा के पंचकूला में एक वेबसाइट से फर्जी जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र बनाने वाला गिरोह पकड़ा गया है। वहां रिपोर्ट लिखकर पुलिस ने विवेचना शुरू की तो पता लगा है कि बरेली के 200 लोगों के जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र भी उसी वेबसाइट से बने हैं, जिसे यह गिरोह संचालित कर रहा था।
ये वेबसाइट इस तरह के प्रमाणपत्र बनाने वाली असली वेबसाइट से मिलते-जुलते नाम से संचालित की जा रही थी। हरियाणा पुलिस ने इन लोगों के नाम पते की डिटेल निकालकर बरेली एसएसपी को भेजी है।
एसएसपी ने मामले की जांच एसपी क्राइम मुकेश प्रताप सिंह को सौंपी है, जिनकी मदद को साइबर थाना पुलिस लगाई गई है। साइबर थाने के इंस्पेक्टर नीरज सिंह व उनकी टीम बृहस्पतिवार को सीएमओ दफ्तर पहुंचे। सीएमओ को पत्र देकर टीम ने इन प्रमाणपत्रों की सत्यता की जांच कराने का अनुरोध किया है।
साथ ही संबंधित नाम पतों की सूची व प्रमाणपत्रों के नंबर भी उपलब्ध कराए हैं। रायबरेली और हाथरस में ऐसे मामले सामने आए हैं। इसके अलावा फर्जी आधार कार्ड-लाइसेंस भी बनवाए गए हैं। वहां की पुलिस भी बरेली साइबर पुलिस के संपर्क में है।
जिन प्रमाणपत्रों की सत्यता पर संदेह है उनमें से अधिकांश आंवला तहसील क्षेत्र के हैं। आंवला, रामनगर और उससे सटे रामपुर के शाहबाद इलाके के लोगों के प्रमाणपत्रों को लेकर संदेह जताया गया है। ऐसे में फर्जीबाड़ा मिला तो जिले के इसी इलाके में इसकी जड़ मिल सकती है। पुलिस इस क्षेत्र के जन सुविधा केंद्रों पर भी निगरानी रख रही है।
सीएमओ डॉ. विश्राम सिंह ने बताया कि साइबर थाना पुलिस ने जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्रों के बारे में कुछ जानकारी मांगी है। संबंधित पत्र कार्यालय में आया है। जो जानकारी चाही गई है वह उपलब्ध करा दी जाएगी।
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