जौनपुर।* कृषि विभाग द्वारा शुक्रवार को कृषि विज्ञान केंद्र बक्शा के परिसर में त्वरित मक्का विकास कार्यक्रम एवं उत्तर प्रदेश श्री अन्न (मीलेट्स) पुनरोद्धार योजना अन्तर्गत जनपद स्तरीय गोष्ठीध्प्रदर्शनीध्किसान मेला का आयोजन किया गया जिसमें मक्का के उत्पादन और श्री अन्न के महत्व एवं उपयोगिता से किसानों को प्रशिक्षित किया गया।
मुख्य विकास अधिकारी साईं तेजा सीलम ने किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आहार व पोषण विशेषज्ञ मोटे अनाजों की खूबियों से इतने प्रभावित हैं कि इन्हें सुपरफूड्स के रूप में मान्यता दे रहे है, मोटे अनाज, श्री अन्न को एमडीएम में भी शामिल किया जाएगा, जिससे जनपद में मीलेट्स के उत्पादन को बल मिलेगा, मानव स्वास्थ्य बेहतर होगा तथा किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी।
मुख्य अतिथि मंत्री किसान मोर्चा काशी क्षेत्र डा. अर्चना शुक्ला ने कहा कि मोटे अनाजों की उपयोगिता को देखते हुए सरकार ने श्री अन्य योजना का नाम दिया है दूसरे अनाजों की तरह ही मोटे अनाज चीला, खीर, खिचड़ी, दलिया, कटलेट, सूप, उपमा, डोसा, इडली, बिस्कुट स्नेक्स, चिक्की आदि रूपो में खाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि श्री अन्न से बने खाद्यान्न एमडीएम में सम्मिलित किए जाने से बच्चों के वेहतर स्वास्थ्य के साथ मीलेट्स पुनरोद्धार को बढ़ावा मिलेगा। वरिष्ठ वैज्ञानिक एव अध्यक्ष डा. सुरेश कुमार कन्नौजिया ने कहा कि इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मिलेट्स रिसर्च (आईआईएमआर) हैदराबाद के अनुसार मोटे अनाज सिलिएक डिजीज के इलाज में लाभ प्रद है। इसका कारण है मोटे अनाज ग्लूटेन फ्री है। गेहूं में ग्लूटेन नामक तत्व पाया जाता है जिससे कुछ लोगों में सीलिएक बीमारी रोग हो जाता है।
डा. आरके सिंह ने कहा कि विशेषज्ञ मोटे अनाज को मधुमेह और कैंसर रोकने वाले तत्वों से भरपूर मानते हैं, पौस्टिक तत्व भरपूर मात्रा में होने के कारण मोटे अनाज को एनीमिया व कुपोषण की समस्या को दूर करने में सहायक माना जा रहा है। आयुर्वेद के अनुसार मोटे अनाज वात एवं कफ दोष को संतुलित करने में सहायक है।
विशिष्ट अतिथि गंगा प्रसाद सिंह ने कहा कि मोटे अनाजों में फाइबर की प्रचुरता उन्हें मधुमेह और मोटापे से बताते है मोटे अनाजों का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है तभी मधुमेह व हृदय रोगियों को खाने की सलाह दी जाती है। अध्यक्षता पूर्व प्रमुख जय प्रकाश सिंह तथा संचालन उप परियोजना निदेशक आत्मा डा. रमेश चंद्र यादव ने किया। उप कृषि निदेशक हिमांशु पांडेय द्वारा आभार ज्ञापित किया गया। डा. सुरेंद्र प्रताप सोनकर, डा. संदीप कुमार, डा. एके भारद्वाज, डा. अमित कुमार, डा. रत्नाकर पांडेय, डा. हरिओम, डा. राजीव सिंह, डा. रूपेश सिंह, देवराज पांडेय सहित सैकड़ों किसान मौजूद रहें।
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