
प्रदेश में यातायात को अत्याधुनिक और बेहतर बनाने के लिए आगामी समय में 27 परियोजनाओं से प्रदेश की सड़कों का विस्तार होगा।

मिलेगी नई दिशा
पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिह ने केंद्र से आग्रह किया था। अब मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि इस महत्वपूर्ण निर्णय से जबलपुर सहित पूरे महाकौशल क्षेत्र को विकास की एक नई दिशा मिलेगी। प्रस्तावित योजना के अनुसार, लखनादौन-रायपुर फोरलेन में मंडला के आसपास जबलपुर को एक कनेक्टिविटी प्वाइंट से जोड़ा जाएगा। इससे जबलपुर और रायपुर के बीच भी आवागमन सुगम होगा।
एनएचएआइ की निगरानी में बनेंगी 14 सड़कें
बैतूल से खंडवा: बैतूल से मोहदा व मोहदा से बाराकुंड तक 2-लेन निर्माण 1200 करोड़ से होगा।
देशगांव-खरगोन: इस सड़क को 1700 करोड़ की लागत से 4 लेन में परिवर्तित किया जाएगा।
बरेठा घाट: इटारसी-बैतूल के 20 किमी हिस्से को 550 करोड़ की लागत से 4-लेन में बदलेंगे।
सलकनपुर-नसरुल्लागंज-बुदनी-बाड़ी: 41 किमी को 650 करोड़ आवंटित किए।
बैतूल-खंडवा: 33 किमी के लिए 381 करोड़ की मंजूरी।
सागर-कानपुर: सतिया घाट से अंगोर तक 55 किमी की सड़क के लिए 1,006 करोड़ की मंजूरी।
ग्वालियर सिटी बायपास: पश्चिमी क्षेत्र में 29 किमी बायपास पर 1005 करोड़ रुपए की मंजूरी।
ओरछा-झांसी: एनएच-76 से जोड़ने 14 किमी 491 करोड़ मंजूरी।
जबलपुर-दमोह: 80 किमी इस परियोजना पर 1,773 करोड़ मंजूर।
रीवा-सीधी: 30 किमी सेक्शन पर 1,500 करोड़ स्वीकृत।
(एनएचएआइ के तहत 612 किमी सड़क निर्माण के लिए 13,658 करोड़ रुपए है।)
बनेंगी 1230 किमी सड़कें
20,000 करोड़ की लागत से बनने वाली 27 परियोजनाओं में से 14 परियोजनाएं एनएचआइ में प्रस्तावित हैं। जिनमें 13658 करोड़ खर्च कर 614 किमी की सड़कें बनाई जाएंगी। शेष बची 13 परियोजनाएं सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के तहत बनेंगी, जिनमें 6745 करोड़ खर्च कर 616 किमी की सड़कें बनाई जाएंगी